वे जन्म के बाद से 'टाइप 2 ओस्टियोजेनेसिस इमपरफेक्टा' (हस्थियों का रोग) से ग्रसित हैं। साथ ही एक साल से अधिक समय से वे सांस लेने में परेशानी का भी सामना कर रही हैं, जिसके चलते हमेशा ही उन्हें एक ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है।
आनुवांशिक विकार से ग्रस्त बच्चों के लिए काम करने वाली एक संस्था अमृतवर्षिनी की लता नायर ने कहा कि लतीशा जैसी अभ्यर्थियों को यूपीएससी द्वारा बेहतर सुविधाएं दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि लतीशा को मेडिकल जरूरतों के लिए हर महीने करीब 25,000 रुपए की जरूरत है। यूपीएससी ने देश भर के 72 शहरों में रविवार को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की। (Photo courtesy: Facebook)