वनडे में टेस्ट जैसा दमदार नहीं है इंग्लैंड

गुरुवार, 25 अगस्त 2011 (16:28 IST)
इंग्लैंड ने पिछले तीन साल में टेस्ट क्रिकेट में गजब की प्रगति करके अब दुनिया में नंबर एक स्थान हासिल किया है लेकिन वनडे में उसकी स्थिति हमेशा डांवाडोल रही और यहां तक कि अपनी सरजमीं पर भी उसे जीत दर्ज करने के लिए जूझना पड़ा।

इंग्लैंड कभी टेस्ट मैचों के अपने प्रदर्शन को वनडे में तब्दील नहीं कर पाया जबकि हाल में सपंन्न हुई टेस्ट श्रृंखला से पहले भारत ने दोनों प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन किया है। यदि वह सीमित ओवरों में अपनी लय बरकरार रखता है तो विश्व चैंपियन इसी दौरे में टेस्ट मैचों की हार का दर्द कुछ करने में सफल रहेगा।

भारत और इंग्लैंड के बीच अब तक 71 एकदिवसीय मैच खेले गए हैं। इनमें से भारत ने 38 और इंग्लैंड ने 30 में जीत दर्ज की है। भारत ने इनमें से 11 मैच इंग्लैंड की सरजमीं पर जीते हैं। पिछले तीन साल में इनका एकदिवसीय मैचों में प्रदर्शन दोनों टीमों के बीच साफ अंतर दर्शाता है। भारत ने पिछले तीन साल में 85 मैच खेलकर 57 में जीत दर्ज की।

उसने इंग्लैंड के खिलाफ छह में से पांच मैच जीते और जबकि एक मैच टाई रहा। इसके विपरीत इंग्लैंड ने इस दौरान जो 67 मैच खेले उनमें से 33 में उसे जीत और 32 में हार मिली। उसने इस बीच अपनी धरती पर 31 मैच में से 13 मैच में हार का मुंह देखा। इन दोनों देशों के बीच अब तक चार या इससे अधिक मैचों की सात द्विपक्षीय श्रृंखलाएं खेली गई हैं जिनमें से भारत ने तीन और इंग्लैंड ने दो में जीत दर्ज की जबकि दो अन्य श्रृंखलाएं 3-3 के समान अंतर से बराबर छूटी थी।

भारत पिछले दस साल से वनडे में इंग्लैंड पर काफी हावी रहा। इस दौरान उसने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ खेले गए 35 मैच में से 22 में जीत दर्ज की जबकि 11 में उसे हार मिली।

बल्लेबाजों के प्रदर्शन में भी दोनों टीमों के बीच साफ अंतर नजर आता है। पिछले दो साल में भारत के सात बल्लेबाजों ने एक हजार से अधिक रन बनाए हैं जबकि इस दौरान इंग्लैंड के केवल चार बल्लेबाज ही इस मुकाम तक पहुंच पाए। इनमें से दो बल्लेबाज स्ट्रास और पॉल कोलिंगवुड तो क्रिकेट के इस प्रारूप को अलविदा भी कह चुके हैं।

पिछले दो वर्षों के दौरान इंग्लैंड एशेज जीतने में तो सफल रहा लेकिन वनडे में ऑस्ट्रेलिया से उसने जो 20 मैच खेले उनमें से उसे 15 में हार मिली। पिछले एक साल में इंग्लैंड ने 24 मैच खेले जिनमें से 13 में उसे हार और दस में जीत मिली। इस दौरान उसे आयरलैंड और बांग्लादेश जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीमों ने भी मात दी।

टेस्ट श्रृंखला में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले केविन पीटरसन और इयान बेल तो पिछले दो साल से वनडे में बेहद असफल रहे हैं। पीटरसन ने पिछले दो साल में जो 27 मैच खेले उनमें वह 23.30 की औसत से 606 रन ही बना पाए जबकि बेल ने इस दौरान 23 मैच 30.95 की औसत से 619 रन बनाए। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें