मैनचेस्टर: पिछले मैच में करारी हार का झटका मिलने के बाद भारतीय टीम के रविवार को यहां इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला के निर्णायक तीसरे वनडे मैच में अपनी बल्लेबाजी रणनीति में थोड़ा बदलाव करने की उम्मीद है जिसमें वह अति सतर्क होने के बजाय निर्भीक होकर खेलना चाहेगी।
रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम ने हाल में समाप्त हुई टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के दौरान अति आक्रामक बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया जिससे काफी हद तक सफलता भी मिली लेकिन जिस तरीके से दूसरे वनडे में टीम ने 247 रन के कम स्कोर के लक्ष्य का पीछा किया, उसे देखकर लगता है कि काफी कुछ किया जा सकता है।
रोहित स्वीकार करेंगे कि वह और अनुभवी शिखर धवन इंग्लैंड के रीस टॉप्ले और डेविड विली की शानदार स्विंग के आगे कुछ रक्षात्मक हो गये। और फिर विराट कोहली की लगातार असफलता से समस्या बढ़ गयी। लेकिन सीनियर सलामी बल्लेबाज शुरू में दो ओवर मेडन जाने दे रहे हैं जो सकारात्मक मानसिकता नहीं दिखाता है।
इसलिये निश्चित रूप से बल्लेबाजी के तरीके में बदलाव की जरूरत है और लक्ष्य का पीछा करने के लिये मानसिकता में बदलाव करना होगा। ओवल में पहले मैच में तो हालांकि जसप्रीत बुमराह ने छह विकेट लेकर अकेले दम पर टीम को जीत दिलायी थी।
रोहित ने दूसरे मैच के बाद कहा, मैं चाहता हूं कि खिलाड़ी टीम की भूमिका देखने के बजाय देखें कि वे अपने खेल के बारे में कुछ अलग कर सकते हैं। अगर वे उस स्थिति से टीम को बाहर निकालते हैं तो सोचिये कि उनके आत्मविश्वास में इससे कितनी बढ़ोतरी होगी।
टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में शुरू से तेज खेलने का तरीका शानदार रहा और ऐसा नहीं है कि यह 50 ओवर के प्रारूप में काम नहीं कर सकता।
इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर भी रहेगा दबाव
बल्कि इंग्लैंड की स्टार सुसज्जित बल्लेबाजी लाइन अप भी पहले दो मैचों में पूरी तरह से फॉर्म से बाहर दिखा और जिससे लगा कि मेजबान टीम में जोस बटलर, जॉनी बेयरस्टो, जेसन रॉय, बेन स्टोक्स और लियाम लिविंगस्टोन जैसी काबिलियत के खिलाड़ी पुराने जमाने का वनडे मैच खेल रहे हैं।
ओल्ड ट्रैफर्ड पर सुबह होने वाले इस वनडे में हालांकि बल्लेबाजी चुनौतीपूर्ण होगी जहां गेंद काफी मूव करती है और भारत को यहां 2019 में विश्व कप सेमीफाइनल में मिली हार भी ध्यान में रहेगी।इस मैच में भारत 240 रनों के लक्ष्य का पीछा भी नहीं कर पाया था। भारत के शुरु के 3 बल्लेबाज रोहित शर्मा, विराट कोहली और केएल राहुल कुल 5 रनों पर चलते बने थे।
ज्यादातर मैचों में रोहित का तरीका परेशानी भरा नहीं है लेकिन मुख्य कोच राहुल द्रविड़ की अगुआई वाला भारतीय टीम प्रबंधन के अपने ही मुद्दे होंगे जिसमें यह भी कि 37 वर्षीय धवन अगले साल होने वाले 2023 वनडे विश्व कप में उनकी पसंद होंगे या नहीं।
यह बायें हाथ का खिलाड़ी रोहित और कोहली के अलावा काफी रन जुटाता रहा है, ऐसा इसलिये भी है क्योंकि वह पारी का आगाज करता है लेकिन ऐसा इसलिये भी है कि दो अति प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने उन्हें अपना नैसर्गिक खेल खेलने का मौका दिया है।
लेकिन द्विपक्षीय वनडे काफी तेजी से कम हो रहे हैं (ज्यादातर टीमें तीन मैच की श्रृंखला खेलती हैं) और धवन केवल एक ही प्रारूप में खेल रहे हैं जिससे उन्हें ये बाध्य ब्रेक लेने पड़ते हैं और इससे निश्चित रूप से उनकी लय प्रभावित हो रही है।
वनडे विश्व कप में अभी 15 महीने का समय बाकी है तो इस पर गंभीरता से विचार किये जाने की जरूरत है कि रोहित, धवन और कोहली आगे भारत के पहले, दूसरे और तीसरे नंबर के खिलाड़ी होंगे।
कोहली पर होंगी सबकी निगाहें
कोहली निश्चित रूप से इस मैच के बाद एक महीने लंबे ब्रेक के लिये तैयार होंगे जिसमें उनके नेट में अपनी समस्या का निवारण ढूंढने की उम्मीद है। वह बाहर जाती गेंदों पर बल्ला छुआ रहे हैं और उनकी यह कमजोरी जगजाहिर हो गयी है और जहां तक सफेद गेंद के खेल का संबंध है तो इसका हल निकालने की जरूरत है।
जहां तक भारत के गेंदबाजी आक्रमण का संबंध है तो उसने अभी तक पांच सफेद गेंद के मैचों में से चार में तो उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन किया है।
बुमराह ने शानदार गेंदबाजी की और मोहम्मद शमी ने अकसर विकेट चटकाने वाली गेंद फेंकी हैं। युजवेंद्र चहल ने अपनी तकनीक में थोड़ा बदलाव किया है जिससे वह थोड़ी और धीमी गेंद फेंक रहे हैं। प्रसिद्ध कृष्णा लेंथ से उछाल हासिल करने की काबिलियत को देखते हुए बेहतर ही होंगे और हार्दिक पंड्या की गेंदबाजी लय से निश्चित रूप से भारतीय खेमे के चेहरों पर मुस्कान वापस आयी है।