भारतीय क्रिकेट के लिए मंगल के दिन अमंगल हो गया, क्योंकि टीम के कोच अनिल कुंबले ने अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। कुंबले ने ऐसे वक्त अपना इस्तीफा दिया जब चैम्पियंस ट्रॉफी में शर्मनाक हार का काला धब्बा अपने सीने पर लगाकर भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौर में पांच वन-डे मैचों को खेलने के लिए बारबडोस के लिए उड़ान भर चुकी थी।
कुंबले को भी टीम के साथ वेस्टइंडीज दौरे पर जाना था, लेकिन आईसीसी की तकनीकी समिति की बैठक में हिस्सा लेने की वजह से वे लंदन में ही रुक गए लेकिन 20 जून की देर शाम उन्होंने अचानक एक ऐसा फैसला सुना दिया, जो किसी भी भारतीय क्रिकेट प्रेमी के लिए हैरत से भरा हुआ था। कुंबले का कार्यकाल आज खत्म हुआ और उन्होंने बीसीसीआई का वेस्टइंडीज दौरे तक कोच बने रहने के आग्रह को ठेंगा दिखा दिया।
बीच दौरे में कुंबले का इस्तीफा विराट कोहली को करारा तमाचा है। इन दोनों के बीच चल रही कलह का ही नतीजा था, जिसने कुंबले के सब्र के बांध को तोड़ दिया। पिछले कई दिनों से कप्तान और कोच के संबंध मधुर नहीं थे। जब भी मीडिया कोहली से कोच कुंबले के साथ अनबन पर सवाल दागता तो वे इसे टाल देते और कहते कि हमारे बीच कोई दूरी नहीं है। ड्रेसिंग रूम का माहौल बढ़िया है।
दरअसल, राख के भीतर अंगारे धधक रहे थे, जिसकी गरमाहट से कोहली वाकिफ होते हुए भी अनजान बने रहे। टीम इंडिया की गरिमा बनी रहे इसलिए वे कोच कुंबले के साथ पटरी नहीं बैठने की बात को नकारते रहे लेकिन मंगलवार को कुंबले के धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को चलाने वालों को अपना इस्तीफा भेज दिया।
कुंबले को इसका भी अहसास था कि सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) भले ही उनके पक्ष में हो लेकिन विराट कोहली कभी नहीं चाहेंगे कि उनका कार्यकाल आगे बढ़े। यह ठीक वैसे ही हालात थे, जब रवि शास्त्री कोच तथा प्रशासक की भूमिका निभा रहे थे और उन्हें हटाकर कुंबले को लाया गया था।
यूं तो भारतीय टीम के नए कोच की नियुक्ति के साक्षात्कार चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान ही 20 जून से काफी पहले होने थे, लेकिन बीसीसीआई ने इसे कुछ वक्त के लिए टाल दिया था ताकि भारत का वेस्टइंडीज टूर शांति से निपट जाए लेकिन कुंबले को मौजूदा हालात रास नहीं आए और उन्होंने अनुबंध के तहत 20 तारीख को ही टीम इंडिया को 'गुडबाय' कह दिया।
सनद रहे कि 46 वर्षीय अनिल कुंबले ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में कुल 1056 विकेट (टेस्ट में 619 और वनडे में 337) विकेट हासिल किए हैं। टेस्ट क्रिकेट में फिरोजशाह कोटला पर पाकिस्तान के 74 रन देकर 10 विकेट लेने का कारनामा कभी भुलाए नहीं भूलेगा। बतौर कोच भी उनकी पारी शानदार रही। भारत ने कुंबले के कोच रहते घरेलू सत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 13 में से 10 टेस्ट जीते, 2 ड्रॉ खेले और सिर्फ एक गंवाया। इसके अलावा वेस्टइंडीज में टेस्ट श्रृंखला भी जीती।
..तो अगला कोच कौन?
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने नए कोच के लिए 31 मई तक आवेदन देने की तारीख मुकर्रर की थी। बीसीसीआई के दफ्तर में जिन क्रिकेट हस्तियों के आवेदन कोच बनने के लिए पहुंचे हैं, उनमें वीरेंद्र सहवाग के अलावा अन्य दावेदारों में ऑस्ट्रेलियाई कोच टॉम मूडी और इंग्लैंड के रिचर्ड पायबस भी हैं। भारतीयों में पूर्व तेज गेंदबाज डोडा गणेश और भारत ए के पूर्व कोच लालचंद राजपूत भी टीम इंडिया के कोच के लिए आवेदन किया है। वैसे सहवाग के शामिल होने से यह मुकाबला रोचक हो गया है।
सहवाग को कोचिंग का कोई पूर्व अनुभव नहीं है। हालांकि वे किंग्स इलेवन पंजाब आईपीएल टीम के मेंटर रहे हैं। भारत के सबसे बड़े मैच विनर्स में रहे सहवाग 104 टेस्ट और 251 वनडे में क्रमश: 8586 और 8273 रन बना चुके हैं। सहवाग आज टीवी और सोशल मीडिया के स्टार हैं लिहाजा वे कोच बनने के लिए मोटा वेतन मांग सकते हैं।
ऐसे हालात में टॉम मूडी दौड़ में अग्रणी हो सकते हैं, जिनका पिछली बार भी प्रेजेंटेशन अच्छा रहा था। मूडी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रसूख वाले कोच हैं और सनराइजर्स हैदराबाद के भी कोच रह चुके हैं। दो बार के विश्व कप विजेता (1987 और 1999) ऑस्ट्रेलिया टीम में शामिल रहे 52 बरस के मूडी 76 वनडे खेल चुके हैं।
पायबस सिर्फ एक प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं लेकिन उच्च श्रेणी के रणनीतिकार हैं। वे दो बार पाकिस्तानी टीम के कोच रह चुके हैं। अब देखना यह कि नया कोच टीम के कप्तान से किस तरह से तालमेल बैठाकर टीम को आगे बढ़ाता है....