बेंगलुरू। अपने कुछ खिलाड़ियों के टीम में चुने जाने के बाद फिटनेस टेस्ट में विफल होने पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अब फिटनेस को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रखने का फैसला किया है। बीसीसीआई अब पहले खिलाड़ियों का फिटनेस टेस्ट करेगा और उसके बाद ही उन्हें टीम में जगह दी जाएगी।
हाल में कुछ ऐसे मौके आए हैं जब टीम में चुने गए खिलाड़ी फिटनेस के यो यो टेस्ट में फेल हुए हैं और बोर्ड को इस मामले में शर्मिंदगी उठानी पड़ी। तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी, बल्लेबाज़ अंबाटी रायुडू और विकेटकीपर संजू सैमसन का फिटनेस टेस्ट में विफल होना बीसीसीआई के लिए एक सबक है जिसके बाद उसने यो यो टेस्ट को पास करना टीम में चुने जाने की अनिवार्य शर्त बना दिया है।
सैमसन को भारत ए की इंग्लैंड दौरे के लिए वन-डे टीम का हिस्सा बनाया गया था, लेकिन रवाना होने से पूर्व हुए टेस्ट में केरल के बल्लेबाज़ फेल रहे थे जिसके कारण वे टीम के साथ नहीं जा सकते थे, वहीं अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट से पूर्व शमी भी फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर सके थे जिससे उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा था। इसके अलावा इंग्लैंड दौरे के लिए वन-डे टीम में चुने गए रायुडू भी फिटनेस टेस्ट में फेल हो गए थे।
रायुडू की जगह ऑलराउंडर सुरेश रैना को टीम में लिया गया है। खिलाड़ियों के फिटनेस टेस्ट को लेकर हाल ही में प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बैठक में इस मामले पर चर्चा की थी जिसमें अध्यक्ष विनोद राय के अलावा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मुख्य कार्यकारी राहुल जौहरी भी मौजूद थे। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ के लिए फिलहाल टीम चयन होना बाकी है जिसमें तेज़ गेंदबाज़ शमी के पास फिर से खुद की फिटनेस साबित करने का मौका रहेगा। (वार्ता)