नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और महाराष्ट्र क्रिकेट संघ (एमसीए) 'पिच फिक्सिंग' में फंसे पुणे के क्यूरेटर पांडुरंग सलगांवकर को लेकर अब खुद ही असमंजस की स्थिति में फंस गए हैं।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरे वनडे से ठीक पहले सामने आए इस मामले में सलगांवकर को एमसीए ने कथित तौर पर पिच फिक्सिंग में संलिप्त पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से पद से निलंबित करने की घोषणा की थी। लेकिन इसके कुछ देर बाद बीसीसीआई ने आधिकारिक बयान जारी कर क्यूरेटर को तुरंत प्रभाव से उनके पद से बर्खास्त करने की बात कही थी।
इस विवाद के बीच अब असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि जहां भारतीय बोर्ड क्यूरेटर को बर्खास्त करने की बात कह रहा है तो वहीं एमसीए ने कहा है कि उसने क्यूरेटर को निलंबित किया है। इसके अलावा अब एमसीए ने इस मामले में खुद की जांच समिति गठित करने का फैसला किया है जबकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की भ्रष्टाचार निरोधक समिति ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। यानी साफ है कि एमसीए वैश्विक संस्था के साथ-साथ स्वतंत्र रूप से इस मामले की जांच कराएगा।
एमसीए अधिकारी ने सलगांवकर को लेकर स्पष्ट कहा कि सलगांवकर को एमसीए क्यूरेटर पद से निलंबित किया गया है ताकि एमसीए की जांच में किसी तरह की बाधा पैदा न हो। हम इस मामले में जांच करा रहे हैं और उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
सलगांवकर के खिलाफ एक टीवी चैनल ने स्टिंग किया था जिसमें उन्हें पुणे की पिच के साथ छेड़छाड़ करने का कथित तौर पर आरोपी पाया गया था। इस मामले के सामने आने के बाद एमसीए के अध्यक्ष अभय आप्टे ने सलगांवकर को उनके पद से तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया था। यह समझा जाता है कि सलगांवकर मैच की सुबह ग्राउंड पर आए थे और उन्होंने आप्टे से मुलाकात की थी।
एमसीए प्रमुख ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सलगांवकर को इस बारे में जानकारी दी थी कि उनके पास क्यूरेटर को फिलहाल पद से निलंबित करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार एमसीए अधिकारी ने बताया कि सलगांवकर ने एमसीए बॉक्स से मैच देखने की अपील भी की थी लेकिन आप्टे ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी।
उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला सोच और विश्वास का है और ऐसे में यह सही नहीं होता कि क्यूरेटर को उनका काम करने की इजाजत दी जाती। हालांकि पिच को लेकर उठे विवाद के बाद आईसीसी के मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने पिच की जांच करने के बाद उसे मैच के लिए उपयुक्त बताया।
एमसीए अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को आप्टे ने एमसीए के सदस्यों के साथ एक आपात बैठक कर उसमें सलगांवकर को निलंबित किए जाने की वजह भी बताई थी। उन्होंने कहा कि एमसीए ने सलगांवकर को मामले की जांच पूरी होने तक निलंबित किया है, क्योंकि पूरी जांच और सबूत आए बिना क्यूरेटर को पद से हटाया नहीं जा सकता है।
आप्टे ने कहा कि प्रारंभिक रूप से तो ऐसा लगता है कि सलगांवकर ने आईसीसी के एसीएसयू के नियमों का उल्लंघन किया है। इसी के आधार पर उन्हें निलंबित किया गया है। यदि यह साबित हो जाएगा कि वे दोषी थे तो उन्हें हटा दिया जाएगा।
हालांकि बुधवार को मैच से पहले आए स्टिंग के बाद बीसीसीआई की ओर से जारी बयान के अनुसार में कहा कि गया था कि मीडिया में एमसीए पिच क्यूरेटर सलगांवकर के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्हें तुरंत प्रभाव से उनके पद से बर्खास्त कर दिया है।
भारतीय बोर्ड ने साथ ही तुरंत प्रभाव से रमेश महामुनकर को नया क्यूरेटर नियुक्त कर दिया था जिन्होंने यहां बुधवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरे वनडे में सेंटर पिच को खेलने के लिए सुनिश्चित किया। वहीं बीसीसीआई का संचालन कर रही सीओए के प्रमुख विनोद राय, कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना और सचिव अमिताभ चौधरी ने भी सलगांवकर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया था। (वार्ता)