महेंद्र सिंह धोनी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। पूरी दुनिया इस क्रिकेटर का लोहा मानती है। उन्हें विश्व इतिहास के चालाक कप्तानों में से एक माना जाता है। खासतौर पर टी20 फॉर्मेट के तो वे बेहतरीन खिलाड़ी और कप्तान रहे हैं। भारत को कई चमकदार उपलब्धियां उन्हीं की कप्तानी में मिली है। उसी धोनी को विज्डन ने भारत की टी20 इंटरनेशनल की ऑलटाइम प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी है। यह विज्डन का मजाक नहीं है तो और क्या है? धोनी के करोड़ों फैंस का मजाक बना दिया है। पहले नजर दौड़ाइए विज्डन की ऑलटाइम इंडियन टी20 टीम पर:
विराट कोहली
रोहित शर्मा
सूर्यकुमार यादव
युवराज सिंह
हार्दिक पंड्या
सुरेश रैना
दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर)
भुवनेश्वर कुमार
आर अश्विन
जसप्रीत बुमराह
आशीष नेहरा
वीरेन्द्र सहवाग
इन 12 खिलाड़ियों में कहीं भी धोनी का नाम नहीं है। जबकि धोनी के नेतृत्व में भारत ने टी20 वर्ल्डकप (2007), वनडे वर्ल्डकप (2011) और चैंपिंयस ट्रॉफी (2013) जीती है।
खिलाड़ी के रूप में भी धोनी ने 98 टी20 इंटरनेशनल मैचेस खेले हैं और 37.60 की औसत से 1617 रन बनाए हैं। आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन तारीफ के काबिल रहा है। ऐसे में धोनी का नाम न होना अचरज पैदा करने वाला है।
विज्डन ने इस बारे में सफाई देते हुए लिखा है कि धोनी को बाहर रखना आसान नहीं था। लेकिन सिर्फ इतना लिख भर देने से क्या संतुष्ट हुआ जा सकता है?
यदि विकेटकीपर की ही बात की जाए तो दिनेश कार्तिक की तुलना में धोनी कहीं बेहतर हैं। बतौर कीपर भी, बतौर खिलाड़ी भी और बतौर कप्तान भी। माना कि दिनेश कार्तिक बेहद अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन धोनी की तुलना में वे पीछे ही नजर आते हैं। ऐसे में धोनी की बजाय दिनेश को प्राथमिकता देना समझ से परे है।