लद गए वह दिन जब भारत के सामने इंग्लैंड की टीम हरी पिच की सेज सजाता था और कभी 8 रनोंं पर 4 विकेट कभी 100 रनोंं से कम पर भारत को ऑलआउट कर देता था। नॉटिंघम में खेला गया पहला टेस्ट इस बात का उदाहरण है कि अगर भारत के सामने इंग्लैंड ने हरी पिच की सेज बिछाई तो भारतीय गेंदबाज इंग्लैंड को उसी की कड़वी घुट्टी का स्वाद चखा देंगे।
पहले टेस्ट के आखिरी दिन भारत को करीब 150 रनों की जरूरत थी और 9 विकेट हाथ में थे। हालांकि कहा जाता है कि आखिरी दिन कभी कभी इतने रन बनाने भी मुश्किल हो जाते हैं क्योंकि पांचवे दिन पिच पर असामान्य उछाल रहता है। लेकिन पिच पर लगातार 4 दिन खेल नहीं हुआ था इस कारण आंकड़ा भारत के पक्ष में 70-30 का था।
नॉटिंघम की पिच तेज गेंदबाजों को मदद करने वाली थी लेकिन इस पर बहुत ज्यादा घास नहीं थी। संभवत इंग्लैंड को भी यह अंदाजा था। पहले टेस्ट मेंं अनिल कुंबले का रिकॉर्ड तोड़ विश्व के तीसरे सबसे सफल गेंदबाज बने जेम्स एंडरसन ने टेस्ट की शुरुआत में इस बात का जिक्र भी किया था। उन्होंने कहा था कि भारत की पूरी टीम के सामने अगर ग्रीन टॉप विकेट रखा जाए तो वह इस बात का बुरा नहीं मानेंगे क्योंकि उनके पास भी बुमराह, शमी और सिराज है।
गौर करने वाली बात यह भी है कि इंग्लैंड की बल्लेबाजी इस बार कमजोर है। पहले टेस्ट में अकले कप्तान जो रूट ने अर्धशतक और शतक जड़ा । जोस बटलर और जॉनी बेरेस्टो को भले ही शुरुआत मिल रही हो लेकिन वह इसे बड़े स्कोर में तब्दील करने में नाकाम हो रहे है। रूट को छोड़कर इंग्लैंड के किसी बल्लेबाज ने 50 रन नहीं बनाए।
उस पर इंग्लैंड को अपने महान ऑलराउंडर बेन स्टोक्स की कमी खल रही है। उन्होंने मानसिक स्वास्थय के चलते क्रिकेट से अनिश्चित कालीन के लिए ब्रेक लिया है। वैसे तो जोफ्रा आर्चर भी इस साल क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे लेकिन बल्लेबाजी क्रम में बेन स्टोक्स की कमी इंग्लैंड इस सीरीज मे बहुत खलने वाली है।
आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप 21-23 में भारत और इंग्लैंड के बीच पूरे अंक आधे आधे बंट गए। बारिश की मेहरबानी के कारण इंग्लैंड का इस चक्र में खाता खुला नहीं तो हार पर 0 अंक ही मिलते।
भारत की बल्लेबाजी ने भी पहले ही टेस्ट में करीब 100 रनों की बढ़त इंग्लैंड पर ली थी जिसके कारण भारत भारत को अंत में जीत के लिए सिर्फ 209 रनों का लक्ष्य मिला। पहले टेस्ट की पहली पारी में भी सलामी बल्लेबाजी ने 70 से ऊपर रन बनाए। दूसरी पारी में हालांकि केएल राहुल जल्द आउट हो गए, लेकिन इस बार भारतीय टीम में पिछले इंग्लैंड दौरो की तुलना में आक्रमकता अधिक दिख रही है। (वेबदुनिया डेस्क)