कटक: भारतीय टीम में वापसी करने से पहले हार्दिक पंड्या की दिनचर्या काफी अनुशासन भरी रही जिसमें वह रात को साढ़े नौ बजे सो जाते और सुबह पांच बजे उठते जिससे उन्हें खुद के और अन्य चीजों के खिलाफ जंग जीतने में मदद मिली।
इस 29 साल के आल राउंडर ने कहा कि वह जब टी20 विश्व कप के बाद भारतीय टीम से बाहर थे तो लगातार चार महीनों तक सुबह पांच बजे उठ जाते और रात को साढ़े नौ बजे तक बिस्तर में होते।उन्होंने कहा, यह उन्हें जवाब देने के लिये कभी नहीं था। मैंने जो प्रक्रिया अपनायी, मुझे उस पर फक्र है। कोई नहीं जानता कि जब मैं बाहर था तो उन छह महीनों में मैं किस दौर से गुजरा। मैं सुबह पांच बजे उठ जाता ताकि मैं ट्रेनिंग कर सकूं। चार महीनों तक मैं रात में साढ़े नौ बजे तक सो जाता, इसलिये काफी बलिदान किये।
हार्दिक ने कहा, यह एक जंग थी जो मैंने आईपीएल से पहले लड़ी थी। मैंने हमेशा अपनी जिंदगी में कड़ी मेहनत की है और इससे हमेशा मुझे वही नतीजे मिले हैं जो मैं चाहता था।उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रही श्रृंखला आगामी टी20 विश्व कप के लिये लय में आने के लिये आदर्श मंच है।
पंड्या ने कहा, टूर्नामेंट तक पहुंचने तक आप जो भी श्रृंखला या मैच खेलते हो, वह महत्वपूर्ण है। इसलिये मेरे लिये विश्व कप लक्ष्य है, यह लय में आने के लिये सही मंच है। लय में रहना हमेशा काफी महत्वपूर्ण होता है। हार्दिक ने कहा, मेरी भूमिका यहां बदल जायेगी, मैं कप्तान नहीं हूं, मैं बल्लेबाजी क्रम में ऊपर नहीं खेलूंगा। यह फिर उसी हार्दिक की वापसी होगी जिसके लिये मैं जाना जाता हूं। (भाषा)