भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को सामने देख स्तब्ध रह गया : ईशान किशन

Webdunia
शनिवार, 9 मई 2020 (19:38 IST)
नई दिल्ली। झारखंड के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन ने कहा है कि वह वर्षों से सचिन तेंदुलकर की पूजा करते थे और जब पहली बार सचिन उनके सामने अचानक आ गए तो वह स्तब्ध रह गए। ईशान ने भारत के सीमित ओवरों के कप्तान रोहित शर्मा के साथ अपनी यादों को साझा करते हुए कहा, 'यह वाक्या आईपीएल का है जब मैं मुंबई इंडियंस के लिए चुना गया था और टीम के साथ ट्रेनिंग कर रहा था। रोहित भाई (शर्मा) ने मुझे कहा कि जाओ और उनसे बातें करो। मेरी खुशकिस्मती थी कि सचिन पाजी (तेंदुलकर) बात करने के लिए खुद मेरी तरफ आए। मुझे नहीं लगता कि मैंने उन्हें बोलते हुए कुछ भी सुना। मैं उन्हें केवल बोलते हुए लगातार देखता रह गया।'

किशन ने कहा कि जैसा कि हर प्रतिभाशाली युवा भारतीय क्रिकेटर के साथ होता है उन्हें भी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेलने का मौका मिला। मुंबई इंडियंस में खेलने से पहले वह गुजरात लायंस का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। किशन ने आईपीएल की कई यादों में से अपने अनुभवों के सबसे अधिक उत्साहपूर्ण क्षण सचिन से पहली मुलाकात का जिक्र किया।

एक ऐसे देश में जहां क्रिकेट किसी धर्म से कम न हो, किशन भी इससे अछूते नहीं रहे। ईशान कहते हैं, 'मेरे लिए क्रिकेट सब कुछ है। यह मेरे पिता का सपना था कि मैं भारत के लिए खेलूं। वास्तव में, यह मेरी मां का भी सपना था कि मैं भारत के लिए खेलूं और देश के लिए बहुत सारे मैच जीत कर आऊं। मैं भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी खेलना चाहता हूं और इसके लिए मैं हरसंभव प्रयास करूंगा।'

ईशान ने कहा कि क्रिकेट जैसे करियर को चुनने के लिए अपने परिवार वालों का एकमुश्त समर्थन होने से बड़ा कुछ भी नहीं। लेकिन केवल इसी से आगे के रास्ते आसान नहीं बन जाते। शुरुआती कदम कांटों भरे होते हैं जो अनिश्चितता के बादलों से घिरे होते हैं। ईशान के पिता प्रणव कुमार पांडे पेशे से बिल्डर हैं और वह उनके शुरुआती दिनों के संघर्ष का जिक्र करते हैं। प्रणव पांडे बताते हैं, 'शुरुआत में यह एक संघर्ष था। दोनों भाई खेल रहे थे।

हम उसके (ईशान) कद के हिसाब से बल्ले और पैड पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। एक बार अंडर-14 के लिए चयन के दौरान ‘स्कूल गेम फेडरेशन ऑफ इंडिया’ ईशान का एक टेस्ट करना चाहता था। हमें लगा ठीक है, वैसे भी यह उसे पार नहीं कर पाएगा। लेकिन उसने 2-3 अच्छे शॉट खेले और चयनकर्ताओं ने उसका चयन कर लिया।'

प्रणव के अनुसार ईशान को कई मैचों में विकेटकीपिंग का अवसर मिला और उसने उनमें अच्छा प्रदर्शन किया। चयनकर्ताओं ने देखा कि ईशान इतनी कम उम्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहे जिसके बाद उन्हें राज्य की टीम में शामिल कर लिया गया। किशन ने झारखंड के लिए अपना पहला मैच दिसंबर 2014 में असम के खिलाफ खेला था।

विकेटकीपर के रूप में चयन होने के बाद उन्होंने पहली पारी में ओपनिंग भी की। जिम्मेदारी के तौर पर यह शुरुआत में मिली एक कठिन चुनौती थी। लेकिन किशन ने इस प्रथम श्रेणी मैच में अपना पहला अर्द्धशतक जमाकर इसे भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। किशन याद करते हुए बताते हैं, 'जब पहली बार मुझे रणजी ट्रॉफी में झारखंड के लिए खेलने के लिए चुना गया तब मम्मी अखबार से न्यूज कटिंग करके रखती थीं।' (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख