दुबई। अब तक टूर्नामेंट में अजेय रही भारतीय क्रिकेट टीम शुक्रवार को यहां होने वाले एशिया कप फाइनल में कुछ प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने से कमजोर पड़ी बांग्लादेश की टीम को कड़ा सबक सिखाकर महाद्वीपीय स्तर पर अपनी बादशाहत कायम रखने की कोशिश करेगी।
बांग्लादेश को वैसे किसी भी स्तर पर कम करके नहीं आंका जा सकता है, क्योंकि बुधवार को उसने कुछ प्रमुख खिलाड़ियों की अनुपस्थिति के बावजूद पाकिस्तानी टीम को हराकर भारत और पाकिस्तान के बीच खिताबी मुकाबले की संभावना समाप्त कर दी थी।
कागजों पर भारत अब भी रिकॉर्ड सातवीं बार खिताब जीतने का प्रबल दावेदार है, जबकि बांग्लादेश को उम्मीद होगी कि खिताबी मुकाबले में तीसरी बार भाग्य उसका साथ देगा। भारत और बांग्लादेश की प्रतिद्वंद्विता भी नई नहीं है और इस मुकाबले से उसमें नया अध्याय जुड़ जाएगा। फाइनल से पहले हालांकि बांग्लादेश के लिए अपने प्रमुख खिलाड़ियों का चोटिल होना चिंता का विषय है।
सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल हाथ में फ्रैक्चर के कारण पहले ही बाहर हो गए थे और अब ऑलराउंडर शाकिब अल हसन भी उंगली की चोट की वजह से फाइनल में नहीं खेल पाएंगे। उन्हें ऑपरेशन करवाना पड़ सकता है जिससे वे जिम्बाब्वे के खिलाफ 30 सितंबर से होने वाली घरेलू श्रृंखला में भी नहीं खेल पाएंगे।
भारत के लिए हालांकि यह दूसरी तरह की परीक्षा है। अपने सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज और कप्तान विराट कोहली के बिना एशिया कप जीतना अगले साल होने वाले विश्व कप से पहले बड़ी उपलब्धि होगी। यही नहीं, इससे टीम का इंग्लैंड के हाथों टेस्ट श्रृंखला में 1-4 से मिली हार का दर्द भी कम होगा।
अफगानिस्तान के खिलाफ टाई पर छुटे सुपर चार मुकाबले में पांच नियमित खिलाड़ियों को विश्राम देने के बाद भारतीय टीम फाइनल में मजबूत टीम के साथ उतरेगी। कप्तान रोहित शर्मा और शिखर धवन की सफल सलामी जोड़ी शीर्ष क्रम में वापसी करेगी तो जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और युजवेंद्र चहल गेंदबाजी को मजबूती प्रदान करेंगे।
अच्छी शुरुआत पर काफी कुछ निर्भर करता है तथा रोहित (269 रन) और धवन (327 रन) ने टूर्नामेंट में अब तक अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभाई है। मध्यक्रम भारत के लिए थोड़ा चिंता का विषय है।
अंबाती रायुडु ने सभी मैचों में अच्छी शुरुआत की, लेकिन वे लंबी पारी नहीं खेल पाए जबकि केदार जाधव और महेंद्र सिंह धोनी को बीच के ओवरों में जूझना पड़ा। धोनी का बल्लेबाजी में संघर्ष सबसे बड़ी चिंता है क्योंकि बाद में बल्लेबाजी करने पर धीमे विकेट पर 240 से अधिक का स्कोर चुनौतीपूर्ण हो सकता है। भारतीय मध्यक्रम की परीक्षा केवल अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में हुई, जिसमें वे नहीं चल पाए, जबकि केएल राहुल और रायुडु ने पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की थी। धोनी से फिर से बल्लेबाजी में महत्वपूर्ण योगदान की उम्मीद है। उनके फिर से चौथे नंबर पर उतरने की संभावना है।
बांग्लादेश का गेंदबाजी आक्रमण 50 ओवरों की क्रिकेट में काफी मजबूत है। उसके तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान, रूबेल हुसैन और मशरेफी मुर्तजा किसी भी तरह की बल्लेबाजी की कड़ी परीक्षा लेने में सक्षम हैं। बल्लेबाजी में टीम भरोसेमंद मुशफिकुर रहीम पर काफी निर्भर है जिन्होंने महमुदुल्लाह के साथ मिलकर टीम को कई बार संकट से बाहर निकाला है।
बांग्लादेश के बल्लेबाजों के लिए अच्छी फार्म में चल रहे बुमराह, कुलदीप यादव और चहल जैसे गेंदबाजों की चुनौती से पार पाना आसान नहीं होगा। रवींद्र जडेजा और भुवनेश्वर भी बांग्लादेशी बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा लेने के लिए तैयार हैं।
टीम इस प्रकार है :
भारत : रोहित शर्मा (कप्तान), शिखर धवन, अंबाती रायुडु, दिनेश कार्तिक, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), केदार जाधव, रवींद्र जडेजा, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, मनीष पांडे, सिद्धार्थ कौल, केएल राहुल, दीपक चहर में से