मेलबोर्न। भारत ने अब तक एक भी डे-नाइट टेस्ट मैच नहीं खेला है लेकिन उसे अगले वर्ष ऑस्ट्रेलिया दौरे पर डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने का अनुभव मिल सकता है।
भारत को अगले वर्ष ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है, जहां उसे मेजबान टीम के साथ 4 टेस्ट मैच खेलना है और उनमें से 1 डे-नाइट टेस्ट भी हो सकता है। वर्ष 2015 में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के बीच पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेला गया था और उसके बाद से कई देशों ने डे-नाइट टेस्ट खेलने में अपनी रुचि दिखाई है। ऑस्ट्रेलिया इस समय इंग्लैंड के साथ एशेज सीरीज में दूसरा टेस्ट गुलाबी गेंद से ही खेल रहा है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के प्रमुख कार्यकारी जेम्स सदरलैंड ने रविवार को एबीसी रेडियो से कहा कि बोर्ड ने फैसला किया है कि अब से वह प्रत्येक सत्र में कम से कम 1 डे-नाइट टेस्ट मैच की मेजबानी करेगा।
सदरलैंड ने कहा कि मैं यह उम्मीद करता हूं कि इसमें ज्यादा समस्या नहीं होगी। हमने इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बातचीत की है। यह फैसला मेजबान देश को लेना है कि वे क्या सही सोचते हैं। अब यह निश्चित हो गया है कि हम हर सत्र में कम से कम एक डे-नाइट टेस्ट की मेजबानी करेंगे। भारत के अलावा श्रीलंका को भी अगले वर्ष ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है और सदरलैंड को उम्मीद है कि उनका देश अगले वर्ष 2 डे-नाइट टेस्ट मैचों की मेजबानी कर सकता है।
सीए प्रमुख ने कहा कि हमारा ऐसा मानना है कि श्रीलंका की तुलना में भारत के खिलाफ होने वाले मैचों में दर्शक अधिक जुटेंगे। सत्र का यह पहला 4 टेस्ट मैच होगा। विभिन्न देशों में विभिन्न समय पर मौसम अलग-अलग रहता है। दौरे के कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने से पहले हमें इन चीजों पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि एडिलेड में इस समय ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच डे-नाइट टेस्ट मैच हो रहा है और हम आगामी डे-नाइट टेस्ट मैचों के लिए भी इसी मैदान को प्राथमिकता देना चाहते हैं तथा गुलाबी गेंद से होने वाले डे-नाइट टेस्ट के लिए एडिलेड सर्वश्रेष्ठ मैदान है। (वार्ता)