मेलबोर्न। पहली बार खिताबी मुकाबले में उतर रही भारतीय महिला टीम बड़े मैचों के दबाव से उबरकर रविवार को यहां मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड पर रिकॉर्ड दर्शकों के सामने मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आईसीसी महिला टी-20 विश्व कप फाइनल में नया इतिहास रचने के लिए उतरेगी।
भारत ने ग्रुप चरण में अजेय रहते हुए फाइनल में जगह बनाई। उसने ग्रुप चरण में अपने चारों मैच जीते जिसमें टूर्नामेंट के उदघाटन मैच में 4 बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दर्ज की गई 17 रनों की जीत भी शामिल है।
इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल बारिश की भेंट चढ़ जाने के बाद हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली भारतीय टीम ग्रुप 'ए' में शीर्ष पर रहने के कारण पहली बार फाइनल में पहुंची। भारत की सफलता में 16 साल की शैफाली वर्मा की आक्रामक बल्लेबाजी और स्पिन के दबदबे वाले गेंदबाजी आक्रमण के लगातार अच्छे प्रदर्शन ने अहम भूमिका निभाई है।
लेकिन अगर भारत को पहली बार आईसीसी ट्रॉफी जीतकर इतिहास रचना है तो स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत जैसी स्टार बल्लेबाजों को भी उपयोगी योगदान देना होगा। मध्यक्रम के बल्लेबाजों को अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है।
मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करने के अलावा भारतीय टीम को इस महत्वपूर्ण मैच में दबाव से भी उबरना होगा। इससे पहले त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में भारत को हराने वाले ऑस्ट्रेलिया को फाइनल में खेलने का अच्छा खासा अनुभव है। वह लगातार 6ठी बार फाइनल में पहुंचा है।
ऑस्ट्रेलियाई जानते हैं कि दबाव वाले मैच में महत्वपूर्ण क्षणों में कैसा प्रदर्शन करना होता है जबकि भारत बड़े मैचों में दबाव में आ जाता है। उसे 2017 वनडे विश्व कप के फाइनल में और 2018 विश्व टी-20 के सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हार का सामना करना पड़ा था।
भारतीय टीम को किशोरी शैफाली वर्मा से फिर से तूफानी शुरुआत की उम्मीद रहेगी और उसे इस बार मंधाना से भी तेजतर्रार पारी की आस है। हरमनप्रीत के लिए फिर से फॉर्म में लौटने और आगे बढ़कर नेतृत्व करने के लिए इससे बड़ा मंच नहीं हो सकता है।
अगर शैफाली अच्छा प्रदर्शन नहीं करती तो भारत के लिए ग्रुप चरण में प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाना मुश्किल हो जाता, क्योंकि मध्य और निचले क्रम के बल्लेबाज खास योगदान नहीं दे पाए। टीम ग्रुप चरण में किसी भी मैच में 150 रन तक नहीं पहुंची। इसके बावजूद वह जीत दर्ज कर पाई तो इसका श्रेय अनुशासित गेंदबाजी को जाता है।
लेग स्पिनर पूनम यादव ने उंगली की चोट से शानदार वापसी की। उन्होंने अब तक 9 विकेट लिए हैं और ऑस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाज मेगान स्कट के साथ सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में शीर्ष पर हैं।
तेज गेंदबाज शिखा पांडे भी प्रभावशाली रही है जबकि बाएं हाथ की स्पिनरों राधा यादव और राजेश्वरी गायकवाड़ ने भी कसी गेंदबाजी की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पूनम का कैसे सामना करते हैं, क्योंकि पहले मैच में वे उनका सामना नहीं कर पाए थे।
फाइनल के 75,000 से अधिक टिकट बिक चुके हैं और कुल 90,000 दर्शकों के पहुंचने की संभावना है, जो कि महिला क्रिकेट में अप्रत्याशित कहा जाएगा।
मेग लैनिंग की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम घरेलू दर्शकों के सामने अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध है। दर्शकों में उसकी पुरुष टीम के प्रमुख गेंदबाज मिशेल स्टार्क भी शामिल होंगे, जो अपनी घरेलू टीम और अपनी पत्नी एलिसा हीली का उत्साह बढ़ाने के लिए दक्षिण अफ्रीकी दौरा बीच में छोड़कर यहां पहुंचे हैं।
ऑस्ट्रेलिया चोटिल खिलाड़ियों की समस्या से भी जूझ रहा है। तेज गेंदबाज तायला वलामिन्स्क शुरू में ही चोटिल हो गई थी जबकि स्टार ऑलराउंडर एलिस पेरी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले बाहर हो गई। इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया फिर से फाइनल में पहुंचने में सफल रहा।
मेग लैनिंग ने कहा कि हम केवल अच्छा प्रदर्शन करने के लिए यहां नहीं आए हैं। हम यहां जीतने के लिए आए हैं और इसी रवैए के साथ हम मैदान पर उतरेंगे। यह मेरे करियर का सबसे बड़ा क्षण होगा।