टीम इंडिया ने इस तरह लिया हार का बदला, पाकिस्तान को बरसों तक सालती रहेगी यह शर्मनाक हार

नृपेंद्र गुप्ता
भारत और पाकिस्तान की टीमें जब भी आमने-सामने होती है तो रोमांच चरम पर होता है। दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों में भारत पाक के बीच होने वाले मुकाबले का इंतजार रहता है। हालांकि आज 15 महिनों के बाद जब यह दोनों देश आपस में टकराए तो पाकिस्तान का अहम चकनाचूर हो गया।
 
2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत को पाकिस्तान का हाथों 180 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच में पाकिस्तान ने फखर जमान (114), अजहर अली (59), मोहम्मद हफीज (57) और बाबर आजम (47) की जबरदस्त पारियों की बदौलत 338 रन बनाए थे। जवाब में टीम इंडिया की पारी 30.3 ओवरों में मात्र 158 रनों पर सिमट गई।
 
आज मानों भारतीय टीम उस शर्मनाक हार का बदला लेने ही मैदान में उतरी थी। क्या गेंदबाज और क्या बल्लेबाज सभी आज पाकिस्तानी टीम को सबक सिखाने ही मैदान में उतरे थे।
 
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करते समय पाक कप्तान सरफराज अहमद को भी इस बात का तनिक भी इल्म नहीं था कि उसके दो बेहद खतरनाक बल्लेबाज फखर जमान और इमाम उल हक मात्र 2 रन के स्कोर पर पैवेलियन लौट गए। दोनों ही बल्लेबाजों को भुवनेश्वर ने पैवेलियन का रास्ता दिखाया। इसके बाद बाबर आजम (47) और शोएब मलिक (43) के बीच तीसरे विकेट के लिए हुई 85 रनों की साझेदारी को छोड़ दिया जाए तो पाकिस्तान का कोई भी बल्लेबाज प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर सका।
 
टीम इंडिया के फिल्डरों ने पाकिस्तान के बल्लेबाजों को कई मौके दिए लेकिन कोई भी इसका फायदा उठाने को तैयार नहीं हुआ और पूरी टीम मात्र 162 रन ही बना सकी। भुवनेश्वर और केदार जाधव ने मैच में 3-3 विकेट हासिल किए जबकि बुमराह को 2 विकेट मिले।  
 
163 रनों का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने इस लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लिया। कप्तान रोहित शर्मा (52) और शिखर धवन (46) ने टीम इंडिया को मजबूत शुरुआत दी। इसके बाद अन्य बल्लेबाजों के पास करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं बचा था। 
 
जिस किसी ने टीम इंडिया को इस मैदान पर हांगकांग के खिलाफ खेलते देखा, उसके लिए भारत की इस विशाल जीत पर भी यकीन करना संभव नहीं होगा। मंगलवार की टीम इंडिया और बुधवार की टीम इंडिया के प्रदर्शन में जमीन आसमान का फर्क था। टीम इंडिया आसान काम को कठिन तरह से करने और कठिन काम को आसानी से करने में माहिर है। एशिया कप भी उसने यही किया। कमजोर हांगकांग के खिलाफ मैच में उसने बेहद मुश्‍किल तरह से जीत हासिल की तो मजबूत पाकिस्तान को मजबूर बनाकर टीम इंडिया ने यह मैच जीत लिया। 

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