टीम इंडिया ने होलकर स्टेडियम पर लगाया 'जीत का सत्ता'

Webdunia
शनिवार, 23 दिसंबर 2017 (00:49 IST)
- सीमान्त सुवीर
 
इंदौर। मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का होलकर स्टेडियम एक बार फिर टीम इंडिया के लिए 'शुभ' साबित हुआ और उसने यहां 'जीत का सत्ता' लगाया...लगातार 5 वनडे में जीत का सेहरा बांधने वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने इंदौर की जमीं पर न्यूजीलैंड पर टेस्ट मैच में रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी और फिर 22 दिसंबर की सर्द रात में उसने पहली बार टी20 मैच में श्रीलंका को 88 रनों से हराकर अपने ताज में एक और हीरा जड़ा..


एक तरह से भारतीय टीम ने यहां 'पारी' पूरी कर ली है क्योंकि उसने क्रिकेट की तीनों विधाओं में अपनी श्रेष्ठता साबित की। होलकर मैदान पर जितने भी पिछले मुकाबले हुए हैं, उसमें टीम इंडिया की यह सबसे आसान जीत थी। कमजोर श्रीलंका टीम पर पहले रोहित शर्मा और केएल राहुल ने बल्लेबाजी के जौहर दिखाए और फिर गेंदबाजों ने अपने प्रदर्शन से 9 विकेट लेकर तीन टी20 मैचों की सीरीज 2-0 से अग्रता हासिल करते हुए जीत ली।

चाहे सचिन तेंदुलकर हों या वीरेंद्र सहवाग...विराट कोहली हों या फिर रोहित शर्मा, ये तीनों खिलाड़ी इंदौर शहर को पहले सिर्फ इसलिए याद रखते थे, क्योंकि यहां पर भारतीय टीम की 'दीवार' कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ का जन्म हुआ था, लेकिन बाद में यहीं पर बनाए गए खुद के कीर्तिमानों से वे इस शहर को कभी नहीं भूलते।

इंदौर ही वो जगह थी जहां 2001 में सचिन तेंदुलकर ने नेहरू स्टेडियम में 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने वनडे करियर के 10 हजार रन पूरे किए थे। फिर वीरेंद्र सहवाग ने होलकर स्टेडियम में 2011 में अपने वनडे करियर का पहला दोहरा शतक (219 रन) वेस्टइंडीज के खिलाफ जड़ा था। जब भी सहवाग कमेंट्री के सिलसिले में इंदौर आते हैं तो वे वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने कारनामे को याद किए बिना नहीं रहते हैं।

इंदौर के होलकर स्टेडियम से ही टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली की हसीन यादें जुड़ी हुई हैं। सितंबर 2017 में विराट ने 211 रन ठोंककर न्यूजीलैंड को टेस्ट मैच में 321 रनों से हराया था और 2017 के साल के विदाई अवसर पर रोहित शर्मा ने टी20 मैच में श्रीलंका के खिलाफ सिर्फ 35 गेंदों में शतक बना डाला...

कर्नल सीके नायडू की कर्मस्थली और कैप्टन मुश्ताक अली की जन्मस्थली इंदौर पर बीसीसीआई इसलिए भी मेहरबान रहता है क्योंकि यहां पर अल्प समय के नोटिस पर किसी भी मैच की तैयारी कर ली जाती है। रोटेशन नीति में जब भी कोई क्रिकेट सेंटर किसी मैच की मेजबानी की अनिच्छा व्यक्त करता है, तब एमपीसीए को मैच अलॉट हो जाता है।

दो महीने पहले ही सितंबर में यहां भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे मैच खेला गया था और अब टी20 के सफल आयोजन से 'क्रिकेट मार्केट' में शहर की साख और बढ़ गई है। हर साल बीसीसीआई से एमपीसीए को 25 करोड़ का तो फंड मिलता ही है इसके अलावा टेस्ट के लिए 2 करोड़ 80 लाख व वनडे व टी20 के लिए 1 करोड़ 50 लाख भी मिलेंगे। यानी गेटमनी और बीसीसीआई से मिलने वाले धन से एमपीसीए मालदार क्रिकेट संगठनों में शुमार होता जा रहा है।

इंदौर को मैच मिलने का दूसरा एक कारण यह भी है कि यह सेंटर हर कप्तान की पहली पसंद बना हुआ है। विराट से पहले धोनी के दिल में इंदौर के प्रति सॉफ्टकॉर्नर था तो अब रोहित के लिए भी यहां का मैदान भाग्यशाली सिद्ध हुआ है, जहां पर उन्होंने 43 गेंदों में 12 चौकों व 10 गगनभेदी छक्कों के साथ 118 रन की पारी खेली है।

सबसे बड़ी बात यह है कि इंदौर की शानदार और गौरवशाली क्रिकेट परंपरा रही है। 27 हजार 325 दर्शकों की क्षमता वाले होलकर स्टेडियम में मैच देखने के लिए लोग घंटों लाइन में लगते हैं। फिर मैच वाले दिन भी लंबी लाइनों में लगकर स्टेडियम में दाखिल होते हैं। कहीं कोई उपद्रव नहीं, कहीं कोई झगड़ा नहीं...बस मैच का आनंद लेते हैं और शालीनता से अपने-अपने घर चले जाते हैं। इंदौर में एक बार फिर टीम इंडिया की जीत से इस शहर ने अपने सिर पर एक और कामयाबी का सेहरा बांधने का गर्व तो प्रदान किया है।

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