पल्लेकेले। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के छठे टेस्ट शतक और लोकेश राहुल के साथ उनकी पहले विकेट के लिए 188 रन की भागीदारी के बाद भारतीय मध्यक्रम के बल्लेबाजों के जल्दी जल्दी आउट होने से श्रीलंका ने यहां तीसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के शुरुआती दिन स्टंप तक मेहमान टीम को 6 विकेट पर 329 रन ही बनाने दिए।
स्टंप तक रिद्धिमान साहा 13 और हार्दिक पंड्या एक रन बनाकर खेल रहे हैं। श्रीलंकाई गेंदबाजों में बाएं हाथ के स्पिनर मलिंडा पुष्पकुमार सबसे सफल रहे, जिन्होंने 18 ओवर में 40 रन देकर तीन बल्लेबाजों को पैवेलियन पहुंचाया जबकि चाइनामैन लक्षण संदाकन को 84 रन देकर दो विकेट मिले। विश्व फर्नांडो ने एक विकेट प्राप्त किया।
भारत ने अच्छी शुरुआत करते हुए पहले सत्र में एक भी विकेट नहीं गंवाया था, लेकिन श्रीलंकाई गेंदबाजों ने वापसी करते हुए दूसरे और अंतिम सत्र में तीन-तीन विकेट झटक लिए।
फार्म में चल रहे चेतेश्वर पुजारा (आठ), पिछले टेस्ट के शतकवीर अजिंक्य रहाणे (17) सस्ते में पवेलियन लौट गए जबकि कप्तान विराट कोहली (42) क्रीज पर जमने के बाद आउट हो गए।
कोहली 79वें ओवर में संदाकन की गुड लेंथ गेंद पर बल्ला छुआकर पहली स्लिप में खड़े करुणारत्ने को आसान कैच दे बैठे। रविचंद्रन अश्विन (31) दिन के अंतिम ओवर में विश्व फर्नांडो का शिकार बने।
अश्विन और डीआरएस की अपील से बचने वाले साहा ने 81वें ओवर में भारत के 300 रन पूरे कराए। इन दोनों ने दूसरी नयी गेंद का अच्छी तरह सामना करते हुए छठे विकेट के लिए 26 रन जोड़े। अब भारतीय टीम कल 400 रन तक का स्कोर बनाने का प्रयास करेगी।
इससे पहले धवन (119) और लोकेश राहुल (85) ने पहले विकेट के लिए 188 रन की मजबूत साझेदारी निभायी। इस तरह इन दोनों ने 1993 में मनोज प्रभाकर और नवजोत सिद्धू के बीच श्रीलंका के खिलाफ उसकी सरजमीं पर पहले विकेट की 173 रन की सबसे बड़ी भागीदारी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
राहुल एक बार फिर टेस्ट शतक से चूक गए और 40वें ओवर में बाएं हाथ के स्पिनर पुष्पकुमार की गेंद पर दिमुथ करुणारत्ने को मिड आन पर सीधे कैच देकर आउट हो गए। उन्होंने 135 गेंद की पारी में आठ चौके जड़े। धवन हालांकि डटे रहे और उन्होंने 107 गेंद में इस सीरीज में दूसरा शतक जड़ा। उन्होंने पुजारा के साथ मिलकर 31 रन जोड़ लिए थे और आउट होने वाले दूसरे बल्लेबाज रहे।
धवन पुष्पकुमार की गेंद पर स्क्वायर लेग पर कप्तान दिनेश चांदीमल को कैच देकर आउट हुए। उन्होंने अपनी पारी के दौरान 123 गेंद का सामना किया और 17 चौके जमाए। पुजारा क्रीज पर सहज नहीं दिखे और 51वें ओवर में संदाकन की गेंद पर आउट हुए। उन्होंने कोहली के साथ महज 10 रन जोड़े थे।
तीसरे सत्र में रहाणे खराब शॉट खेलकर पुष्पकुमार का तीसरा शिकार बने, गेंद सीधे उनके स्टंप उखाड़ गई। राहुल और धवन को सुबह के सत्र में श्रीलंकाई गेंदबाजों से जरा भी परेशानी नहीं हुई जिससे भारत ने प्रथम सत्र में बिना विकेट गंवाए 134 रन जोड़ लिए थे। इन दोनों ने मिलकर पहले सत्र में 15 बार गेंद सीमारेखा के पार कराई।
दोनों ने 10वें ओवर में महज 55 गेंद में 50 रन की साझेदारी पूरी की और इसी लय से रन जुटाना जारी रखा जिससे 100 रन 107 गेंद में 18वें ओवर में पूरे हुए। राहुल ने 67 गेंद में चार चौके से नौवां टेस्ट अर्द्धशतक बनाया।
राहुल का यह टेस्ट क्रिकेट में लगातार सातवां अर्द्धशतक था, इससे उन्होंने गुंडप्पा विश्वनाथ और राहुल द्रविड़ को पीछे छोड़ दिया जिनके नाम लगातार 6-6 अर्द्धशतक हैं। भारत ने इससे पहले निलंबित रविंद्र जडेजा की जगह लेग स्पिनर कुलदीप यादव को अंतिम एकादश में शामिल किया जबकि मेजबानों ने तीन बदलाव किए। (भाषा)