लंदन। पहला टेस्ट मैच हारने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम गुरुवार को लॉर्ड्स के मैदान पर शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड के सामने होगी तो उसकी कोशिश अपने बल्लेबाजों के जिम्मेदाराना प्रदर्शन के दम पर जीत की राह पर लौटने की होगी।
भारतीय कप्तान विराट कोहली को अगर बर्मिंघम में बाकी बल्लेबाजों से सहयोग मिला होता तो हालात दीगर होते। दुनिया की नंबर एक टीम बढ़त लेने के करीब पहुंची थी लेकिन 31 रन से चूक गई। भारतीय ड्रेसिंग रूम में माहौल हालांकि आत्मविश्वास से भरा है। मैच के दो दिन पहले लॉर्ड्स पर काफी घास थी लेकिन गुरुवार को पहली गेंद पड़ने से पहले इसकी छंटाई होने की उम्मीद है। यदि नहीं भी होता है तो ऐसा माना जा रहा है कि पिच सूखी ही होगी।
भारतीय खेमे को ऐसे में अपनी गेंदबाजी की रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा। पहले टेस्ट में बल्लेबाजों के नाकाम रहने के बावजूद गेंदबाजी कोच भरत अरूण ने अतिरिक्त बल्लेबाज को उतारने की संभावना से इनकार किया। उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे स्पिनर पर विचार हो सकता है। ऐसे में उमेश यादव को बाहर रहना पड़ सकता है क्योंकि ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और हार्दिक पंड्या तेज गेंदबाजी का जिम्मा संभालेंगे।
दूसरे स्पिनर के लिए चयन की दुविधा होगी। पिछली बार रविंद्र जडेजा ने 2014 में लाडर्स पर खेलते हुए दोनों पारियों में तीन विकेट लिए थे लेकिन दूसरी पारी में 68 रन बनाए थे जिससे भारत मैच जीतने वाला स्कोर बनाने में कामयाब रहा।
कुलदीप यादव की भी अनदेखी नहीं की जा सकती। उन्होंने नेट पर कप्तान कोहली को गेंदबाजी करके कई मौकों पर उन्हें परेशान किया। कप्तान ने उनकी गेंदबाजी की तारीफ की है और इंग्लैंड में कलाई की स्पिन गेंदबाजी काफी कारगर साबित हो सकती है।
बल्लेबाजी क्रम में भी कोहली के सामने कठिन चुनौती है। कप्तान ने पहले टेस्ट में चेतेश्वर पुजारा पर शिखर धवन को तरजीह दी जिससे केएल राहुल को अंतिम एकादश में जगह मिली।
तीसरे नंबर के लिए प्रयोग टीम प्रबंधन के लिए कोई नई बात नहीं है। इससे पहले 2014-15 में कोहली और रवि शास्त्री ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में चौथे टेस्ट में पुजारा की जगह तीसरे नंबर पर रोहित शर्मा को उतारा था।
इसके बाद बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट में भी यह प्रयोग जारी रहा लेकिन अगले दो टेस्ट में अजिंक्य रहाणे को तीसरे नंबर पर उतारा गया। पुजारा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2015 की घरेलू श्रृंखला में तीसरे नंबर पर लौटे और छह टेस्ट तक यही क्रम जारी रहा। इसके बाद विंडीज के खिलाफ 2016 में सेंट लूसिया टेस्ट में उन्हें फिर बाहर कर दिया गया।
कोहली उस मैच में तीसरे नंबर पर उतरे और दो पारियों में तीन और चार रन बनाए। टीम प्रबंधन को अब यह तय करना है कि इस सत्र में काउंटी क्रिकेट खेलने वाले पुजारा के लिए अंतिम एकादश में जगह है या नहीं। धवन सिर्फ 26 और 13 रन बना सके जबकि राहुल ने चार और 13 रन बनाए।
भारतीय खेमे के अनुसार एजबेस्टन की पिच कठिन थी लिहाजा यह प्रयोग जारी रह सकता है। कोहली की कप्तानी में अभी तक 36 टेस्ट में अलग अलग एकादश उतारी जा चुकी हैं लेकिन भारतीय बल्लेबाजी क्रम को स्थायित्व की जरूरत है।
दूसरी ओर इंग्लैंड टीम में डेविड मालान को बाहर किया गया है लेकिन बेन स्टोक्स कानूनी मामले के कारण उपलब्ध नहीं हैं। जो रूट को यह तय करना है कि उन्हें दो स्पिनर चाहिए या नहीं। मोईन अली का साथ देने के लिए 20 बरस के ओलिवर पोप को उतारा जा सकता है जबकि तेज गेंदबाजी का जिम्मा जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रांड और सैम कुरेन संभालेंगे।