India vs Bangladesh 1st Test : भारत की नजरें गुरूवार, 19 सितम्बर से बांग्लादेश के खिलाफ शुरू हो रही दो टेस्ट की सीरीज जीतकर घरेलू सरजमीं पर अपने दबदबे को बरकरार रखने और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) तालिका के शीर्ष पर अपनी स्थिति मजबूत करने पर टिकी होगी।
भारत के बल्लेबाजों को हालांकि स्पिन के खिलाफ अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा।
बांग्लादेश की चुनौती भी मजबूत होगी जो हाल में पाकिस्तान को दो टेस्ट की श्रृंखला में 2-0 से हराकर यहां आया है। भारत 10 टेस्ट के सत्र की सकारात्मक शुरुआत करना चाहेगा जिससे कि डब्ल्यूटीसी फाइनल (WTC Final) का दावा मजबूत कर सके।
पिछले दशक में घरेलू सरजमीं पर भारत की जीत-हार का रिकॉर्ड 40-4 रहा है जो बेजोड़ है, इन 4 हारों में से 3 हार पिछले 4 सालों में हुई है, इनमें से 2 बार इंग्लैंड और 1 बार ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया है। वहीं पिछले तीन साल में कुछ कमजोरियां उजागर हुई हैं, विशेषकर स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के मामले में।
स्वदेश में 2015 से भारत के शानदार प्रदर्शन में कोहली (Virat Kohli) की अहम भूमिका रही है और उन्होंने सभी गेंदबाजों के खिलाफ रन बटोरे हैं। लेकिन 2021 से स्पिन के खिलाफ उनके प्रदर्शन में गिरावट आई है। इस दौरान 15 टेस्ट में उनका औसत 30 का रहा है।
यह बल्लेबाज के रूप में कोहली के असाधारण गुणों के खिलाफ नहीं है लेकिन यह एक ऐसा विभाग है जिसमें यह चैंपियन क्रिकेटर निश्चित रूप से स्वयं सुधार करना चाहेगा।
कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) स्पिन को ध्वस्त करने में सफल रहे हैं, विशेषकर 2017 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ के खिलाफ सलामी बल्लेबाज की जिम्मेदारी दिए जाने के बाद से। उन्होंने स्पिनरों के खिलाफ 90 से ज़्यादा की औसत से रन बनाए हैं।
लेकिन 2021 से स्पिनरों के खिलाफ उनके प्रदर्शन में भी गिरावट आई है और वह 15 मैच में 44 की औसत से रन बना पाए हैं।
रोहित ने तेज गेंदबाजों और स्पिन के खिलाफ लोकेश राहुल (KL Rahul) को समान रूप से प्रभावी बताया है लेकिन आंकड़े कुछ और बयां करते हैं। पिछले तीन साल में राहुल ने स्वदेश में पांच टेस्ट खेले और स्पिनरों के खिलाफ दाएं हाथ के इस बल्लेबाज का औसत सिर्फ 23.40 रहा है।
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सामूहिक रूप से इन आंकड़ों को कमजोर होते कौशल के संकेत के रूप में लिया जाना चाहिए और शायद स्पिन खेलने की कला को निखारने पर फिर ध्यान केंद्रित करने की याद दिलाने के रूप में भी जो दुनिया के इस हिस्से के बल्लेबाजों की मुख्य ताकत रही है।
सहायक कोच रेयान टेन डोएशे ने श्रीलंका के खिलाफ तीन मैच की एकदिवसीय श्रृंखला में भारत की 0-2 से हार के बाद इस मुद्दे पर जोर दिया था।
हालांकि ऋषभ पंत (पांच मैच में 70 की औसत से रन), शुभमन गिल (10 मैच में 56 की औसत से रन) और यशस्वी जायसवाल (पांच मैच में 115 की औसत से रन) ने स्पिनरों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है।
जायसवाल और गिल ने हालांकि अधिकांश रन इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला में जुटाए जिसके पास अनुभवी स्पिन गेंदबाज नहीं थे।
इसके विपरीत बांग्लादेश के पास बाएं हाथ के शाकिब अल हसन (Shakib Al Hasan) और ताइजुल इस्लाम (Taijul Islam) तथा ऑफ स्पिनर मेहदी हसन मिराज (Mehidy Hasan Miraz) के रूप में कहीं बेहतर स्पिनर मौजूदा हैं जो अपने दिन किसी भी बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने में सक्षम हैं।
वर्ष 2022 में भयानक कार दुर्घटना में घायल होने के बाद पंत पहली बार टेस्ट क्रिकेट में खेलते हुए नजर आएंगे।
गेंदबाजी विभाग में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा का एकादश में जगह बनाना लगभग तय है और किसी भी तरह की परिस्थितियों में यह एक मजबूत गेंदबाजी इकाई है।
भारत को हालांकि यह फैसला करना होगा कि एमए चिदंबरम स्टेडियम की लाल मिट्टी की पिच पर आकाश दीप (Akashdeep) या यश दयाल (Yash Dayal) में से किसी एक को तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में खिलाए या फिर घरेलू टेस्ट में तीन स्पिनरों के साथ उतरने की प्रवृत्ति को बरकरार रखते हुए कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को मौका दे।
भारत हालांकि अक्षर पटेल (Axar Patel) को मौका देने पर भी विचार कर सकता है क्योंकि इससे बांग्लादेश के खिलाफ निचला बल्लेबाजी क्रम मजबूत होगा।
भारत के नए मुख्य कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) अपने मार्गदर्शन में होने वाली पहली टेस्ट श्रृंखला जीतकर सकारात्मक शुरुआत करना चाहेंगे। उनके मार्गदर्शन में भारत ने श्रीलंका में टी20 श्रृंखला 3-0 से जीती थी लेकिन एकदिवसीय श्रृंखला 0-2 से गंवाई।
बांग्लादेश के इस मुकाबले में नाहिद राणा (Nahid Rana) और हसन महमूद (Hasan Mahmud) के रूप में दो तूफानी गेंदबाजों के साथ उतरने की संभावना है।
टीमें इस प्रकार हैं:
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, लोकेश राहुल, सरफराज खान, ऋषभ पंत, ध्रुव जुरेल, रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप, जसप्रीत बुमराह और यश दयाल।