मोहाली। पहले वन-डे में शर्मनाक हार झेलने वाली भारतीय क्रिकेट टीम श्रृंखला में बने रहने के लिए ‘करो या मरो’ के मुकाबले में बुधवार को श्रीलंका को हराकर बदला चुकता करने के इरादे से उतरेगी। धर्मशाला में मिली हार भारत के लिए खतरे की घंटी रही चूंकि पूरे सत्र में अपनी सरजमीं पर मेजबान का दबदबा रहा है।
ईडन गार्डन पर टेस्ट में पहले दिन श्रीलंकाई तेज गेंदबाजों के आगे नतमस्तक हुए भारतीय बल्लेबाजों ने एक बार फिर उछाल लेती गेंदों के सामने अपनी कमजोरी जाहिर कर दी। चंडीगढ में धर्मशाला की तरह ठंड नहीं होगी लेकिन तेज गेंदबाजों की भूमिका अहम होगी क्योंकि मैच 11.30 पर शुरू होगा। मेजबान टीम अगर पहले बल्लेबाजी के लिए भेजी जाती है तो उसके लिए यह और बड़ी चुनौती होगी।
अनुभवी महेंद्र सिंह धोनी को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज पिछले मैच में सुरंगा लकमल की गेंदों का सामना नहीं कर सका। रोहित शर्मा और शिखर धवन के सस्ते में आउट होने के बाद श्रेयस अय्यर, दिनेश कार्तिक और मनीष पांडे के पास बड़े स्कोर बनाने का यह सुनहरा मौका था, लेकिन कोई भी नहीं चल सका और धोनी के 65 रन नहीं होते तो भारत अपने न्यूनतम स्कोर पर आउट हो सकता था।
भारत के कप्तान विराट कोहली जरूर इस प्रदर्शन पर खासे निराश होंगे जो इस श्रृंखला से ब्रेक लेकर इटली में अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ परिणय सूत्र में बंध गए। कोहली की गैर मौजूदगी में कप्तानी करने वाले रोहित ने वादा किया कि टीम ने धर्मशाला में मिली हार से सबक लिया है और बाकी दो मैचों में वह वापसी करेंगे। रोहित ने सात विकेट से मिली हार के बाद कहा कि इन हालात में वापसी करना अहम है। हमारे लिए यह खतरे की घंटी रहा। भारत की अंतिम एकादश में किसी बदलाव की संभावना कम है लेकिन मध्यक्रम में अनुभवहीन बल्लेबाजी को संबल देने के लिए अजिंक्य रहाणे को उतारा जा सकता है।
रहाणे पहले मैच से बाहर रहे थे चूंकि रोहित और धवन ने पारी का आगाज किया था। कुछ मैचों में वे मध्यक्रम में भी बल्लेबाजी कर चुके हैं लिहाजा उन्हें उतारा जा सकता है। गेंदबाजी में हार्दिक पंड्या का खराब फार्म चिंता का सबब होगा जिन्होंने काफी रन लुटाए जबकि भारत ने सिर्फ 112 रन बनाए थे। दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए गेंदबाजी हरफनमौला के रूप में चुने गए पंड्या को अगले महीने शुरू हो रहे दौरे से पहले अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा।
श्रीलंका ने 20.4 ओवर में ही जीत दर्ज कर ली जिससे युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव को गेंदबाजी का मौका नहीं मिला। दूसरी ओर श्रीलंका के पास 12 महीने से चले आ रहे हार के सिलसिले को तोड़ने का यह सुनहरा मौका है। पिछले महीने न्यूजीलैंड भी इतिहास रचने की दहलीज पर था, लेकिन भारत ने अगले दो मैच जीतकर श्रृंखला अपने नाम की। श्रीलंका के लिए लकमल ट्रंपकार्ड साबित हुए जबकि एंजेलो मैथ्यूज ने भी शानदार वापसी की। तेज गेंदबाज नुवान प्रदीप भी प्रभावी साबित हुए हैं।