इंदौर। मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) की सोमवार, 29 अगस्त को बुलाई वार्षिक साधारण सभा (एजीएम) में प्रस्तावित चुनावों को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने तो हरी झंडी दिखा दी है, लेकिन उच्चतम न्यायालय से नियुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आरएम लोढा समिति ने एमपीसीए को हिदायत दी है कि फिलहाल ये चुनाव न कराए जाएं। इसके बाद एमपीसीए का कहना है कि संगठन के द्विवार्षिक चुनावों के बारे में फैसला एजीएम में ही होगा।
एमपीसीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रोहित पंडित ने रविवार को बताया कि हमने लोढा समिति की इस हिदायत के बारे में कानूनी राय ली है। हम सोमवार को एजीएम में एमपीसीए के सदस्यों के सामने पूरी वस्तुस्थिति रखेंगे। इस बात का फैसला एजीएम में ही किया जाएगा कि सोमवार को एमपीसीए के चुनाव कराए जाएं या नहीं?
बहरहाल, जानकारों के मुताबिक अगर एमपीसीए सोमवार की एजीएम चुनाव नहीं कराने का फैसला करती है तो प्रदेश क्रिकेट संगठन के संविधान के एक प्रावधान के मुताबिक मौजूदा प्रबंध समिति के पदाधिकारी नई प्रबंध समिति के गठन तक अपने ओहदे पर बने रह सकते हैं।
फिलहाल वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एमपीसीए के चेयरमैन पद पर आसीन हैं, जबकि आला क्रिकेट प्रशासक संजय जगदाले प्रदेश क्रिकेट संगठन के अध्यक्ष हैं।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने 26 अगस्त को एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए एमपीसीए की एजीएम में प्रस्तावित चुनावों पर रोक लगाने से हालांकि इंकार कर दिया था, लेकिन एमपीसीए से 4 हफ्तों में जवाब तलब किया था।
एमपीसीए के वरिष्ठ सदस्य लीलाधर पालीवाल समेत 5 सदस्यों की दायर इस याचिका में गुहार की गई है कि प्रदेश के क्रिकेट संगठन के द्विवार्षिक चुनाव लोढा समिति की सिफारिशों के मुताबिक कराए जाएं। इस याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तारीख तय की गई है।