नई दिल्ली: भारत की 1983 की विश्व कप विजेता टीम के नायक रहे रोजर बिन्नी का सौरव गांगुली की जगह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष बनना तय है।गांगुली पिछले तीन वर्षों से बीसीसीआई अध्यक्ष हैं और वह 18 अक्टूबर को होने वाली बोर्ड की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में बिन्नी के लिए अपना पद छोड़ देंगे।
पिछले एक सप्ताह से चल रही गहमागहमी के बाद यह फैसला किया गया कि बेंगलुरु के रहने वाले 67 वर्षीय बिन्नी बोर्ड के 36वें अध्यक्ष होंगे।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई सचिव बने रहेंगे। शाह इसके अलावा आईसीसी बोर्ड में गांगुली की जगह भी लेंगे।
बीसीसीआई पदाधिकारियों में शामिल एकमात्र कांग्रेसी राजीव शुक्ला बोर्ड के उपाध्यक्ष बने रहेंगे। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण सिंह धूमल अब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चेयरमैन होंगे। वह बृजेश पटेल की जगह लेंगे।
महाराष्ट्र में भाजपा के नेता आशीष शेलार बोर्ड के नए कोषाध्यक्ष होंगे जिसका मतलब है कि वह मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) का अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे। उन्हें शरद पवार गुट के समर्थन से यह भूमिका निभानी थी।
बिन्नी 18 अक्टूबर को मुंबई में होने वाली बीसीसीआई की एजीएम में आधिकारिक रूप से पदभार संभालेंगे। किसी भी पद के लिए चुनाव नहीं होगा क्योंकि सभी उम्मीदवारों को सर्वसम्मति से चुना गया है।
मध्यम गति के गेंदबाज रहे बिन्नी ने 1983 के विश्व कप में भारत को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने तब आठ मैचों में 18 विकेट लिए थे जो उस टूर्नामेंट का रिकॉर्ड था।
सोमवार की शाम को मुंबई पहुंचने वाले गांगुली ने कई प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ बातचीत की। गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर बने रहने के इच्छुक थे लेकिन उन्हें बताया गया बोर्ड अध्यक्ष पद के मामले में ऐसा चलन नहीं है।
बीसीसीआई सूत्रों ने कहा, सौरव को आईपीएल के चेयरमैन पद की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने बड़ी शालीनता से इसे नामंजूर कर दिया। उनका तर्क था बीसीसीआई अध्यक्ष बने रहने के बाद वह उसकी उप समिति का प्रमुख नहीं बन सकते।
अध्यक्ष पद के लिए बिन्नी का चयन हालांकि चौंकाने वाला रहा।बीसीसीआई के सूत्रों ने कहा, रोजर एक अच्छे इंसान हैं जिन्होंने भारत की तरफ से खेलते हुए देश का मान बढ़ाया। वह विश्वकप के नायक हैं और उनकी छवि साफ-सुथरी है। जब उनका बेटा स्टुअर्ट भारतीय टीम में चयन के दावेदार बना तो उन्होंने चयन समिति से इस्तीफा दे दिया था।
धूमल के मामले में निर्णयकर्ताओं ने गांगुली के फैसले का इंतजार किया और जब उन्होंने आईपीएल चेयरमैन बनने से इनकार कर दिया तो उन्होंने हिमाचल प्रदेश के रहने वाले धूमल को यह पद सौंप दिया।
अगले कुछ दिनों में अंतिम सूची जारी होने पर ही बीसीसीआई की शीर्ष परिषद और आईपीएल संचालन परिषद के सदस्यों के नामों का पता चल पाएगा।(भाषा)