नेगोम्बो (श्रीलंका)। इस्टर के मौके श्रीलंका में हुए बम धमाकों में बाल-बाल बचे क्रिकेटर दासुन शनाका ने कहा कि वह अब भी इस सदमे से नहीं उबर पाए हैं और उन्हें बाहर निकलने में भी ‘डर’ लग रहा।
27साल के इस हरफनमौला खिलाड़ी ने क्रिकइंफो को बताया कि वह एक दिन पहले ही लंबी यात्रा से लौटे थे इसलिए अपने गृहनगर नेगोम्बो स्थित सेंट सेबास्टियन गिरिजाघर में प्रार्थना के लिए नहीं जा पाए थे।
सेंट सेबास्टियन चर्च उन छह होटलों और गिरजाघर में शामिल है जिसे आत्मघाती हमलावारों ने निशाना बनाया। इन घमाकों में 321 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ो घायल हो गए थे। श्रीलंका में गृह युद्ध के खत्म होने के एक दशक बाद यह सबसे भीषण हमला है।
शनाका ने कहा, आमतौर पर मैं ऐसे मौके पर चर्च जाता हूं लेकिन उस दिन काफी थका हुआ था। उन्होंने कहा, उस सुबह मैं अपने घर पर था, मैंने धमाके की आवाज सुनी और लोग कह रहे थे कि बम धमाका हुआ है। मैं तेजी से चर्च की तरफ गया और मैं उस दृश्य को कभी नहीं भूल सकता हूं।
इस हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, चर्च पूरी तरह से क्षतिग्रस्त था, सब कुछ बिखरा हुआ था, लोग शवों को बाहर की ओर खिंच रहे थे। अगर आप ने भी उसे देखा होता तो लगता कि अंदर काई नहीं बचा होगा। यहां तक कि धमाके से फैले मलबे से आसपास के लोग भी घायल हो गए