बदहाल श्रीलंका क्रिकेट टीम के कोच मिकी आर्थर ने सीनियर खिलाड़ियों से यह कहा

शुक्रवार, 28 मई 2021 (15:19 IST)
ढाका: श्रीलंका क्रिकेट टीम के मुख्य कोच मिकी आर्थर ने कहा है कि सीनियर खिलाड़ियों के लिए टीम के दरवाजे अभी बंद नहीं हुए हैं और वे वनडे टीम में वापसी कर सकते हैं।
 
आर्थर ने गुरुवार को बीसीबी अकादमी परिसर में पत्रकारों से कहा, “ छोड़ देना एक खराब शब्द है। दरअसल हमने एक ऐसा रास्ता देखा है, जिससे हम सीनियर्स के बिना आगे बढ़ सकते हैं। यहां छोड़ने की कोई बात नहीं है। सीनियर्स किसी भी समय वापस आ सकते हैं। हमारी टीम में मध्य क्रम में थोड़ी कमी आई है, लेकिन हमारे पास कुछ सीनियर खिलाड़ी हैं। कुशल परेरा और कुशल मेंडिस बहुत अच्छा खेले हैं। वहीं डिकवेला और धनंजय डी सिल्वा ने भी अच्छा खेल दिखाया है। ये ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन पर हम भरोसा कर रहे हैं। किसी के लिए भी दरवाजे बंद नहीं हैं। यकीनन कुछ सीनियर खिलाड़ी प्रदर्शन के आधार पर किसी भी समय टीम में वापसी कर सकते हैं। ”
 
उल्लेखनीय है कि बंगलादेश के खिलाफ मौजूदा तीन मैचों की वनडे सीरीज में श्रीलंकाई टीम में कई अनुभवी खिलाड़ियों को शामिल नहीं किया गया है, जिसका श्रीलंका को लगातार पहले दो मुकाबलों में हार के साथ खामियाजा भुगतना पड़ा है।
 
आर्थर ने बंगलादेश के खिलाफ मौजूदा सीरीज खेल रहे ऑल राउंडर वानिंदु हसरंगा के प्रयासों की प्रशंसा की है और उनके भविष्य, खासतौर पर 2023 विश्व कप में टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद जताई है। हसरंगा ने पहले वनडे मैच में दबाव में शानदार अर्धशतकीय पारी खेली थी। कोच ने कहा, “ हसरंगा बहुत अच्छे क्रिकेटर हैं। हमें यह समझना होगा कि यह बहुत युवा टीम है। उनका विकास होगा। हमने युवाओं के साथ एक यात्रा शुरू की है और हम चाहते हैं कि उनका विकास हो। हम हसरंगा जैसे युवा टीम में चाहते हैं। बेशक वह अभी खेल सीख रहे हैं, लेकिन वह बहुत ही रोमांचक प्रतिभा हैं। ”

पाकिस्तान को चैंपियन्स ट्रॉफी 2017 जिता चुके कोच मिकी आर्थर साल 2019 में पाकिस्तान क्रिकेट का साथ छोड़ चुके थे। जो कमाल उन्होंने पाकिस्तान टीम के साथ किया वह श्रीलंका टीम के साथ नहीं कर पाए हैं। 
 
कभी एशियाई क्रिकेट की शीर्ष टीम रही श्रीलंका की स्थिती इतनी बद्त्तर है कि वह बांग्लादेश से सीरीज में 0-2 से पीछे हैं। उसका एक भी बल्लेबाज या गेंदबाद वनडे रैंकिंग के टॉप 10 में शुमार नहीं है। वरिष्ठ खिलाड़ियों के जाने के बाद युवा खिलाड़ी टुकड़े टुकड़े में प्रदर्शन करते हैं। टीम संगठित होकर एक मैच जीतने में नाकाम दिखती है।(वार्ता)

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