जोहान्सबर्ग। हार से बेजार भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कल से शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट में उतरेगी तो चयन की गलतियों से उबरकर उसका लक्ष्य श्रृंखला में सफाए की शर्मिंदगी से बचना होगा। केपटाउन में पहला टेस्ट 72 रन से और सेंचुरियन में दूसरा टेस्ट 135 रन से जीतने के बाद मेजबान टीम श्रृंखला पहले ही अपने नाम कर चुकी है।
विराट कोहली की कप्तानी में विदेशी सरजमीं पर भारत की टेस्ट श्रृंखला में यह पहली हार है। इसमें 2014 में ऑस्ट्रेलिया में मिली हार शामिल नहीं है क्योकि उस समय महेंद्र सिंह धोनी पूर्णकालिक कप्तान थे। इसके साथ ही भारत का 2015 से चला आ रहा लगातार नौ श्रृंखलाओं की जीत का सिलसिला भी टूट गया।
भारतीय टीम अगर 3-0 से हारती है तो भी नंबर एक टेस्ट रैंकिंग नहीं गंवाएगी। अभी तक चयन को लेकर आलोचनाएं झेलने के बाद आखिरकार भुवनेश्वर कुमार को उतारने का फैसला किया गया है। पहले दोनों टेस्ट में अपने चयन से चौंकाने वाले जसप्रीत बुमराह बाहर रहेंगे। पांचों तेज गेंदबाजों ने नेट पर अभ्यास किया जबकि भुवनेश्वर, ईशांत शर्मा, उमेश यादव और मोहम्मद शमी ने जोड़ियों में बल्लेबाजी की।
भारतीय कप्तान कल एक और बदलाव कर सकते हैं। तीन दिन के ब्रेक के बाद रविवार को जब टीम यहां जुटी तब से अजिंक्य रहाणे लगातार नेट पर अभ्यास कर रहे हैं। पिछले दो दिन में उन्होंने चार लंबे अभ्यास सत्रों में भाग लिया और उनका कल खेलना तय लग रहा है चूंकि रोहित शर्मा चार पारियों में 78 रन ही बना सके हैं। रहाणे की वापसी के बावजूद यह तय नहीं है कि रोहित बाहर होंगे।
भारत 6 बल्लेबाजों और एक तेज गेंदबाज हरफनमौला को लेकर भी उतर सकता है। कोहली के लिए कुल मिलाकर हालात एकदम बदल गए हैं। छ: महीने पहले उन्होंने टीम को श्रीलंका पर 3-0 से जीत दिलाकर इतिहास रचा था। अब वे 3-0 से श्रृंखला हारने की कगार पर खड़े हैं।
अभी तक दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर कोई भारतीय टीम 3-0 ये श्रृंखला नहीं हारी है। भारत 1992 से अब तक छ: बार दक्षिण अफ्रीका का दौरा कर चुका है और 1996-97 में सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में 2-0 से हारा था। 2006 के बाद से पिछले तीन दौरों पर एक टेस्ट जीतने या ड्रॉ कराने में कामयाब रहा है।
वैसे वांडरर्स पर भारत का रिकॉर्ड अच्छा रहा है। भारत ने इस मैदान पर चार टेस्ट (नवंबर 1992, जनवरी 1997, दिसंबर 2006 और दिसंबर 2013 ) खेले हैं और एक भी गंवाया नहीं है। भारत ने यहां 2006 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टेस्ट जीता था जिसमें श्रीसंथ ने 99 रन देकर आठ विकेट लिए थे। 11 बरस बाद भारतीय टीम उसी हरी भरी और उछाल भरी पिच पर खेलेगी।
पिच क्यूरेटर बेथूएल बूथेलेजी ने रविवार को कहा था कि अब पिच पर से घास नहीं हटाई जाएगी। मैच शुरू होने में 24 घंटे बाकी हैं और वे अपनी बात से डिगे नहीं हैं। कोहली ने लगातार 34 टेस्ट में कभी भी एक एकादश नहीं उतारी है। इस मैच में भी बदलाव देखने को मिलेंगे।
सोमवार को आर. अश्विन ने नेट पर बल्लेबाजी नहीं की जबकि रविंद्र जडेजा ने लंबा अभ्यास किया। भारत अगर एक स्पिनर को लेकर उतारता है तो जडेजा को मौका मिल सकता है। बिना स्पिनर के 6 बल्लेबाजों को लेकर उतरने पर कोहली हरफनमौला तेज गेंदबाज के रूप में हार्दिक पंड्या को उतार सकते हैं। पार्थिव पटेल का खराब फार्म के बावजूद खेलना तय है।
दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका किसी तरह की दुविधा में नहीं है । सलामी बल्लेबाज एडेन मार्कराम दूसरे टेस्ट में जांघ में लगी चोट के बाद लौटेंगे। वैसे दक्षिण अफ्रीका अपनी बेंच स्ट्रेंथ को भी आजमा सकता है चूंकि उसे आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला खेलनी है। वैसे सेंचुरियन टेस्ट के बाद दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने संकेत दिये थे कि उनकी नजरें नंबर वन रैंकिंग पर है ।इसके लिये उन्हें भारत को 3-0 से हराने के अलावा ऑस्ट्रेलिया को भी 2-0 से मात देनी होगी। ऐसे में वे समान अंतिम एकादश को भी उतार सकते हैं ।