नई दिल्ली। तेज गेंदबाज उमेश यादव का कहना है कि भारतीय आक्रमण में दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट मैचों में 20 विकेट लेने की क्षमता है, जिसे घरेलू श्रृंखलाओं में शानदार सफलता के बाद टीम के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है।
उमेश ने कहा, दक्षिण अफ्रीका के विकेटों से फिर से सभी का ध्यान तेज गेंदबाजी इकाई पर आ जाएगा और यह सही भी हैं। हमसे काफी उम्मीदें की जाएंगी और मेरा मानना है कि इस आक्रमण में दक्षिण अफ्रीकी पिचों पर 20 विकेट लेने की क्षमता है।
उमेश ने कहा, हम सभी के लिए घरेलू सरजमीं पर 14 महीने अच्छे रहे और अब विदेशों में भी सफलता हासिल करने का समय आ गया है। यादव इसलिए इतने आशावादी हैं, क्योंकि हाल के समय में घरेलू पिचों पर विपरीत परिस्थितियों में तेज गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया।
टेस्ट मैचों में 100 विकेट से केवल एक विकेट दूर खड़े यादव ने कहा, उपमहाद्वीप में हमारी सफलता की कुंजी अच्छी फिटनेस और सही रणनीति रही, लेकिन खास चीज आपका रवैया होता है जिसके साथ आप मैदान पर उतरते हो। अगर हम दक्षिण अफ्रीका में भी इसे बरकरार रख सकते हैं तो फिर हमें कोई नहीं रोक सकता।
संजय मांजरेकर ने अपने कालम में लिखा था कि यादव को उस लाइन पर गेंदबाजी करनी चाहिए जहां बल्लेबाज उनकी अधिक गेंदों को नहीं छोड़ें। हालांकि यादव को लगता है कि कपिल देव की तरह उनकी ताकत नैसर्गिक आउटस्विंगर है और इनस्विंगर करने के प्रयास में वह इसे गंवाना नहीं चाहते हैं।
उन्होंने कहा, कपिल देव की तरह ही मेरी नैसर्गिक गेंद आउटस्विंगर है। अगर मैं अधिक अंदर आती गेंदों को करने की कोशिश करता हूं तो इससे मैं अपनी आउटस्विंगर को खो सकता हूं जो मैं नहीं चाहता। अंदर आती गेंद करने के लिए कुछ बदलाव करने होंगे लेकिन आउटस्विंगर अब भी मेरा मुख्य अस्त्र है। भारतीय गेंदबाज इससे पहले तेज गेंदबाजों के अनुकूल विकेट पर लाइन गड़बड़ा जाते थे लेकिन यादव ने आश्वस्त किया कि अब ऐसा नहीं होगा।
उन्होंने कहा, इससे पहले के दौरों में हम युवा थे और स्वाभाविक था कि काफी उत्साहित भी थे, लेकिन अब हम सभी ईशांत, शमी, भुवी और मैं जानते हैं कि अपने अति उत्साह को कैसे काबू करना है। हम परिस्थितयों का आकलन करेंगे।
यादव ने कहा, जैसे तेज और उछाल वाली पिच पर आपको लगातार गुडलेंथ पर गेंदबाजी करनी होगी जबकि कम उछाल वाली पिच पर आपको गेंद आगे पिच करानी होगी। यादव ने साफ किया कि चयनकर्ताओं ने कभी उन पर ‘टेस्ट विशेषज्ञ’ का ठप्पा नहीं लगाया, भले ही उन्होंने 2017 में केवल नौ वनडे खेले हैं। जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार सीमित ओवरों के मैचों में पहली पसंद रहे हैं, लेकिन विदर्भ का 30 वर्षीय तेज गेंदबाज इसे बहुत गंभीरता से नहीं लेते।
उन्होंने कहा, राष्ट्रीय चयनकर्ता मेरे और मोहम्मद शमी के कार्यभार से अच्छी तरह से अवगत हैं। उनका रवैया सहयोगी का रहा है और कभी उन्होंने हमसे कभी यह नहीं कहा कि जहां तक सीमित ओवरों की बात है तो आप हमारी योजना में नहीं हो। यादव ने कहा, ऐसा भी समय आया जबकि हमने टेस्ट मैचों में बहुत अधिक गेंदबाजी करने के कारण चयनकर्ताओं से विश्राम देने के लिए कहा। जब आप सभी प्रारूपों में खेल रहे होते तो चोटिल होने की संभावना बढ़ जाती है। (भाषा)