कैंप में मौलवी बुलाने के आरोप पर क्या बोले वसीम जाफर, अनिल कुंबले ने दिया बड़ा बयान

Webdunia
गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021 (19:50 IST)
राजनीति के खेल से अब खेलों की राजनीति शुरु हो चुकी है। भारतीय टेस्ट टीम के लिए लंबे समय तक सलामी बल्लेबाजी संभालने वाले पूर्व उत्तराखंड कोच वसीम जाफर पर सांप्रदायिक आरोप लगाए थे जिसका खंडन उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किया। गौरतलब है कि हाल ही में  उत्तराखंड टीम के कोच के तौर पर इस्तीफा दिया था।
 
उत्तराखंड क्रिकेट असोसिएशन के सेकरेटरी माहिम वर्मा और टीम मैनेजर नवनीत मिश्रा ने यह आरोप जाफर पर लगाए थे। उनमें से एक था कि वह सिर्फ मुस्लिम खिलाड़ियों को ही तरजीह देते हैं फिर चाहे उनमें खेलने की प्रतिभा हो या न हो। 
 
वहीं दूसरा आरोप यह था कि वह कैंप पर मौलवियों को लाते हैं। वर्मा के बाद यह बात मिश्रा ने भी कही की कैंप में तीन मौलवी आए थे। जाफर ने दोनों को कहा था कि तोनों ही नमाज पढ़ने आए हैं।
 
वहीं उन पर तीसरा आरोप टीम का स्लोगन बदलने का रहा। पिछले साल तक उत्तराखंड की टीम का नारा था राम भक्त हनुमान की जय लेकिन जाफर के आने के बाद यह गो उत्तराखंड हो गया । जाफर को उत्तराखंड की जय का विकल्प दिया गया लेकिन उन्हें तथाकथित जय शब्द से आपत्ति थी।
 
इन तीनों ही आरोपों का वसीम जाफर ने खंडन किया है। उन्होंने एक अग्रणी क्रिकेट वेबसाइट की न्यूज शेयर कर के कैप्शन लिखा। मेरा मन था कि जय बिस्ता को कप्तानी मिले लेकिन इकबाल को कप्तानी देने का विचार उत्तराखंड क्रिकेट असोसिएशन का था। 
 
न ही मैने मौलवी बुलवाए, मैंने इस्तीफा इस कारण दिया क्योंकि सेकरेटरी और मैनेजर कुछ खिलाड़ियों के लिए पक्षपाती रवैया अपनाते थे। जहां तक टीम के स्लोगन का सवाल है , नारा सिक्ख समुदाय से जुड़ा था इसलिए मैंने नारे को गो उत्तराखंड में बदल दिया था।
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1. I recommended Jay Bista for captaincy not Iqbal but CAU officials favoured Iqbal.
2. I did not invite Maulavis
3. I resigned cos bias of selectors-secretary for non-deserving players
4. Team used to say a chant of Sikh community, I suggested we can say "Go Uttarakhand" #Facts https://t.co/8vZSisrDDl

— Wasim Jaffer (@WasimJaffer14) February 10, 2021 >
वहीं वसीम जाफर के आरोपों को सेकरेटरी वर्मा और मैनेजर मिश्रा ने खारिज किया है। उन्होंने कहा कि इकबाल अबदुल्लाह को कप्तान बनाने का निर्णय जाफर का था। उनके फैसलों के कारण ही सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के पहले 5 में से 4 मैच टीम को गंवाने पड़े। जाफर पर कभी खिलाड़ियों के चयन पर दबाव नहीं डाला गया। 
 
अब इन दोनों पक्षों में से सच कौन बोल रहा है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। वसीम जाफर ने अपने 31 टेस्ट में  34 की औसत से टीम इंडिया के लिए 1944 रन बनाए हैं । हालांकि उन्होंने सिर्फ 2 वनडे में भारत के लिए 10 रन बनाए ।

कुंबले ने किया जाफर का समर्थन 

कुंबले ने जाफर का समर्थन में अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘आपके साथ हूं वसीम। आपने सही किया। दुर्भाग्यशाली खिलाड़ी हैं जिन्हें आपके मेंटर नहीं होने की कमी खलेगी।’’(वेबदुनिया डेस्क) 
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With you Wasim. Did the right thing. Unfortunately it’s the players who’ll miss your mentor ship.

— Anil Kumble (@anilkumble1074) February 11, 2021 >