आत्मसमर्पण में विश्वास नहीं रखता : धोनी

मंगलवार, 23 अगस्त 2011 (16:32 IST)
भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का कहना है कि हालांकि उनकी टीम को इंग्लैंड के खिलाफ सिरीज में 0-4 से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी है लेकिन वह वनडे सिरीज में आत्मसमर्पण नहीं करेंगे और पुराने जोश के साथ वापसी करेंगे।

कप्तान धोनी के इंग्लैंड के हाथों ओवल में सोमवार को चौथे और आखिरी टेस्ट में मिली हार के बाद कहा टीम को अब एकजुट रहने और संघर्ष करने की जररत है। हमारे लिए अब एक इकाई के रूप में एकजुट रहना महत्वपूर्ण है। घरेलू समर्थक हमेशा हमसे ज्यादा उम्मीदें लगाकर रखते हैं लेकिन टीम को इस हार से हतोत्साहित नहीं होना होगा बल्कि वापसी करने के लिए संघर्ष करना होगा।

भारत की लगातार चौथी पराजय से खासे निराश नजर आ रहे धोनी ने मैच के बाद कहा हमने कोई ढिलाई नहीं दिखाई। लेकिन हमें सिरीज शुरू होने से पहले अभ्यास के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया था। धोनी ने इंग्लैंड की टीम की सराहना करते हुए कहा उन्होंने काफी अच्छी बल्लेबाजी की। लेकिन हम एक भी पारी में 300 से ज्यादा रन नहीं बना पाए। दोनों टीमों के बीच यही फर्क रहा।

धोनी ने कहा हमें लगा था कि हम चौथा टेस्ट ड्रॉ कराने में सफल हो जाएंगे लेकिन निचले बल्लेबाजी क्रम में कोई अच्छी साझेदारी न हो पाने के कारण हम मैच हार गए। कप्तान ने टीम के चोटिल खिलाड़ियों के बारे में कहा जहीर की चोट काफी अलग है। जब जहीर और सहवाग जैसे खिलाड़ी चोटिल होते हैं तो आप इंतजार करते हैं कि वह जल्द से जल्द फिट होकर चयन के लिए उपलब्ध हो जाएं।

चोट के कारण घर लौटना खिलाड़ी का व्यक्तिगत निर्णय होता है। चोटिल खिलाड़ी ही यह जानता कि वह खेल सकता है या नहीं। धोनी ने कहा हमारी टीम से प्रशंसकों को काफी उम्मीदें रहती हैं इसलिए युवाओं को टीम में आने का मौका नहीं मिल पाता है क्योंकि हमसे हमेशा जीतने की उम्मीद की जाती है।

टीम में युवा खिलाड़ियों को मौका देना बेहद जरूरी होता है। यदि उन्हें मौका नहीं मिलता तो कई बार उन्हें सीधे टेस्ट क्रिकेट में ही उतरना पड़ जाता है जिसमें खुद को साबित करना उनके लिए थोड़ा मुश्किल होता है। हमें इस बारे में सोचना होगा।

उन्होंने कहा हमारी टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो 15 वर्षों से खेल रहे हैं और कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने बेहद जल्द टीम में अपनी जगह पक्की कर ली लेकिन ऐसे खिलाड़ी मिलना आसान नहीं होता है।

धोनी ने कहा युवा खिलाड़ियों को टीम में ज्यादा से ज्यादा मौका देने की जरूरत होती है। यदि वह कुछ मैचों में असफल हो भी जाएं तो भी उन्हें हटाना ठीक नहीं। आपको उनका साथ देना होगा और उनका आत्मविश्वास बढाना होगा ताकि उच्च स्तर पर खेलने के लिए वे खुद को तैयार कर पाएं। (वार्ता)

वेबदुनिया पर पढ़ें