गावस्कर ने कहा, नहीं खेलना मैच खत्म (देखें वीडियो)

पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर को जिन लोगों ने मैदान पर खेलते नहीं देखा है वे उनकी आक्रमकता से वाकिफ नहीं हैं। इन दिनों क्रिकेट मैच के दौरान कॉमेंट्री बॉक्स में शांत बैठे नजर आने वाले गावस्कर अपने जमाने में बेहद आक्रामक और जिद्दी स्वभाव के थे।

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गावस्कर का ऐसा ही स्वभाव 1981 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई टेस्ट सिरीज के मेलबोर्न टेस्ट में देखने को मिला। इस मैच में गावस्कर के रवैये की काफी आलोचना हुई और उन पर खेल भावना के अनुरूप व्यवहार नहीं करने का आरोप लगा। इस समय गावस्कर टीम के कप्तान भी थे, लिहाजा उनसे अधिक परिपक्व व्यवहार करने की अपेक्षा की गई।

दरअसल हुआ यूं कि डेनिस लिली की गेंद गावस्कर के पैड पर लगी और पगबाधा की जोरदार अपील हुई। गावस्कर स्टम्प के ठीक सामने पाए गए और अंपायर ने उन्हें आउट करारा दे दिया। इस निर्णय पर गावस्कर आग बबुला हो गए। वे अंपायर के साथ साथ लिली को भी बताने लगे कि गेंद ने बैट को छुआ है इसलिए उन्हें आउट कैसे दिया जा सकता है। लेकिन गावस्कर की बात किसी ने नहीं सुनी। वे थोड़ी देर वही खड़े बड़बड़ाते रहे और पैवेलियन लौटने लगे। अचानक उन्हें कुछ सूझा और उन्होंने अपने साथी बल्लेबाज चेतन चौहान को लगभग धक्का देते हुए कहा चलो पैवेलियन, नहीं खेलना मैच खत्म।

गावस्कर आगे आगे अंपायर के फैसले को कोसते हुए जा रहे थे और चेतन चौहान अपने कप्तान के आदेश पर धीमे कदमों से चल रहे थे। तभी टीम के मैनेजर ने गावस्कर को शांत किया और अगले बल्लेबाज को चौहान के साथ बल्लेबाजी के लिए मैदान में भेजा।

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