दुनियाभर में ऐसे लोगों की संख्या घट रही है, जो फोन पर एक-दूसरे को कॉल करते हैं। अब इसकी जगह मैसेजिंग ऐप्स या अन्य जरियों से इंटरनेट कॉलिंग ने ले ली है। जर्मनी में मोबाइल फोन उपयोग के तरीकों में हाल के सालों में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जर्मनी में वीडियो और ऑडियो कॉलिंग ने पारंपरिक फोन कॉल्स को पीछे छोड़ दिया है।
बॉन स्थित फेडरल नेटवर्क एजेंसी ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया कि 2024 में जर्मनी के उपभोक्ताओं ने मोबाइल फोन पर 145 अरब मिनट कॉल किए जबकि 2021 में यह आंकड़ा 163 अरब मिनट था। इसके उलट, व्हाट्सऐप और सिग्नल जैसे मैसेजिंग ऐप्स के जरिए ऑडियो कॉलिंग का समय 2022 में 121 अरब मिनट से बढ़कर 2024 में 197 अरब मिनट हो गया।
वीडियो कॉलिंग में भी तेजी से इजाफा हुआ है। 2022 में वीडियो कॉलिंग का समय 143 अरब मिनट था, जो 2024 में बढ़कर 184 अरब मिनट हो गया। वहीं, लैंडलाइन फोन कॉल्स में लगातार गिरावट आई है। 2020 में 104 अरब मिनट की लैंडलाइन कॉल्स हुई थीं जबकि 2024 में यह आंकड़ा घटकर 57 अरब मिनट रह गया।
दुनिया बदल रही है
जर्मनी की तरह ही दुनियाभर में पारंपरिक फोन कॉल्स की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। सेल्सेल के अनुसार, 2023 में दुनियाभर में प्रतिदिन लगभग 13.5 अरब मोबाइल कॉल किए गए, जिसका वार्षिक कुल आंकड़ा लगभग 49 खरब कॉल्स था। अमेरिका में 2021 में मोबाइल कॉल मिनट्स की संख्या 24 खरब थी।
ब्रिटेन में 2020 में मोबाइल कॉल मिनट्स 189।7 अरब थे, लेकिन 2021 में यह घटकर 187 अरब मिनट रह गया। जर्मनी में जहां पारंपरिक कॉलिंग में गिरावट देखी गई, वहीं इंटरनेट आधारित ऑडियो और वीडियो कॉल्स में तेज वृद्धि हुई है। ग्लोबल स्तर पर भी यह ट्रेंड जारी है।
जूम, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स और गूगल मीट जैसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म के उपयोग में जबरर्दस्त वृद्धि देखी गई है। जेब्राकैट।एआई के अनुसार 2024 में, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मार्केट का कुल रेवेन्यू 14.2 अरब डॉलर रहा। इसमें उत्तर अमेरिका का योगदान 5.9 अरब डॉलर और यूरोप का 3.1 अरब डॉलर रहा।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हुआ। वहां 2024 में इसके इस्तेमाल में 34 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। जूम का मार्केट शेयर 28 फीसदी रहा जबकि माइक्रोसॉफ्ट टीम्स 23 फीसदी और गूगल मीट 17 फीसदी पर रहे।
स्मार्टफोन और इंटरनेट एक्सेस
स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल ने भी इंटरनेट आधारित कॉल्स को बढ़ावा दिया है। डाटारिपोर्टर्ल नामक वेबसाइट के मुताबिक 2024 तक दुनियाभर में 7.4 अरब स्मार्टफोन उपयोग में थे, जो कुल मोबाइल फोन्स का 87 फीसदी है। भारत जैसे देशों में स्मार्टफोन की मांग में तेज वृद्धि हुई है।
टेलीफोनिका के अनुसार 5.35 अरब इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से लगभग 96.5 फीसदी मोबाइल फोन्स के जरिए इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। जर्मनी और अन्य देशों के आंकड़ों को देखते हुए यह साफ है कि पारंपरिक फोन कॉलिंग तेजी से अपनी लोकप्रियता खो रही है और उसकी जगह इंटरनेट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप्स ले रहे हैं। यह ट्रेंड तकनीकी प्रगति, स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच और किफायती इंटरनेट प्लांस के कारण और भी मजबूत होता जा रहा है।