कोरोना वायरस के संक्रमण के साये में पुलिस बल

Webdunia
शुक्रवार, 8 मई 2020 (08:46 IST)
कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए पुलिस के जवान फ्रंट लाइन पर काम कर रहे हैं। काम के दौरान उन्हें भी संक्रमण का खतरा रहता है। कुछ पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए हैं।
  
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण से पुलिस कांस्टेबल की मौत का पहला मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 5 मई को कांस्टेबल अमित राणा की तबियत अचानक खराब हुई, तेज बुखार आया और सांस लेने में दिक्कत हुई। अमित के साथी ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया लेकिन 24 घंटे के भीतर ही उनकी मौत हो गई।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 6 मई को जब अमित के सैंपल की रिपोर्ट आई तब इस बात की पुष्टि हुई कि अमित को कोविड-19 था। बताया जाता है कि 4 मई की शाम तक अमित बिलकुल स्वस्थ थे और अचानक बीमार हुए और इस तरह से उनकी मौत हो गई।
दिल्ली में पुलिस को लॉकडाउन लागू कराने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। उन्हें हॉटस्पॉट में भी ड्यूटी करनी पड़ रही है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। खाना बंटवाना हो या फिर अस्पताल के इलाके की सुरक्षा, पुलिसवालों की ड्यूटी हर जगह लग रही है और खतरा उनके बेहद नजदीक है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस के अब तक 70 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
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यही हाल पूरे देश का है, हाल के दिनों में सैकड़ों पुलिस वाले कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं। पहले से ही दबाव झेल रही पुलिस फोर्स के लिए यह एक तरह की खतरे की घंटी है। देश में लॉकडाउन को लागू कराना हो या फिर हॉटस्पॉट इलाकों की निगरानी हो पुलिस ही इन सब पर नजर रख रही है।
 
करीब 30 लाख पुलिसकर्मी यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि देश की 1.3 अरब आबादी अपने घरों में रहे। देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है और कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले 52 हजार के करीब पहुंच गए हैं जबकि 1,700 के ऊपर मौतें हो चुकी हैं।
 
महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि राज्य में पुलिसबल में पिछले हफ्ते मामले दोगुने हो गए हैं। महाराष्ट्र में वैसे भी कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं और यहां मौत भी सबसे अधिक हुई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि राज्य पुलिस के 450 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और चार की मौत इस वायरस के कारण हुई है।
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महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का कहना है कि राज्य की पुलिस के लिए विशेष तौर पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। यह कंट्रोल रूम पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के लिए बने हैं। इसी हफ्ते पड़ोसी राज्य गुजरात में पुलिस को विरोध कर रहे प्रवासी मजदूरों पर आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे।
 
दिल्ली में शराब की दुकानों के बाहर जमा हुई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। यही नहीं पिछले महीने पंजाब में एक पुलिसकर्मी का हाथ काट दिया गया क्योंकि एएसआई ने लोगों से कर्फ्यू पास दिखाने को कहा था।
 
कम से कम 6 राज्यों के 6 वरिष्ठ पुलिस अफसरों का कहना है कि पुलिसकर्मी सिक लीव की मांग कर रहे हैं, उन्हें डर है कि कहीं वे भी बीमार न हो जाए। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय इस बात से अवगत है और हालात पर नजर बनाए हुए है।
 
मुंबई पुलिस के कर्मचारी जिन्होंने अपना उपनाम सलुंखे बताया कहते हैं कि COVID-19 प्रभावित क्षेत्रों में गश्त और भीड़ नियंत्रण करना अपराधियों से लड़ने से ज्यादा खतरनाक हो गया है। उन मामलों में हम अपराधी को देख पाते हैं।
 
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गुजरात में पुलिस के 155 जवान और अधिकारी संक्रमित हुए हैं जबकि कुछ अर्द्धसैनिक बलों के लोग भी वायरस की चपेट में आए हैं। अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर का कहना है कि पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के 95 सदस्यों को कोविड-19 के कारण अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा है।
 
एए/सीके (रॉयटर्स)

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