भोपाल। लोकसभा चुनाव में इस बार मध्यप्रदेश में कांग्रेस की नजर उन सीटों पर है जिस पर बीजेपी का लंबे समय से कब्जा है। कांग्रेस इस बार अपने दिग्गज नेताओं को इन्हीं सीटों पर उतारकर बीजेपी का गढ़ भेदने की तैयारी में है। भोपाल से दिग्विजय सिंह को उतारने के बाद अब इंदौर से कांग्रेस अपने दूसरे दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर दांव लगा सकती है।
पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पार्टी आलाकमान चाहता है कि प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता ऐसी सीटों से चुनाव लड़ें जो लंबे समय से बीजेपी से कब्जे में है। इंदौर में कांग्रेस को जहां एक तरफ तीन दशक से जीत नसीब नहीं हुई है वहीं आठ बार से लगातार चुनाव जीत रहीं सुमित्रा महाजन को हराने के लिए कांग्रेस किसी बड़े चेहरे की तलाश में है। ऐसे में पार्टी राज्य में अपने सबसे लोकप्रिय चेहरे सिंधिया को उतार सकती है।
इंदौर से सिंधिया के जुड़ाव को देखते हुए इस संभावना को नकारा भी नहीं जा सकता। विधानसभा चुनाव में इंदौर में टिकट बंटवारे में सिंधिया का खासा दखल रहा है। इंदौर से सिंधिया गुट से आने वाले तुलसी सिलावट को पहले टिकट मिलना और फिर उनका कमलनाथ सरकार में बड़े मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलना सिंधिया के प्रभाव को दिखाता है।
सिंधिया राजनीति के साथ इंदौर में अन्य संगठनों में खासा सक्रिय रहे हैं। मध्यप्रदेश किक्रेट एसोसिएशन (एमपीसीए) में सिंधिया गुट का काफी दखल है, वहीं खुद सिंधिया भी लंबे समय तक एमपीसीए के अध्यक्ष भी रहे हैं। ऐसे में पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव लड़ाकर एक बार फिर सबको चौंका सकती है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी भी कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी के ऐलान होने का इंतजार कर रही है।