चुनाव आयोग के एक आदेश के मुताबिक, सत्ती ने गांधी के खिलाफ सोशल मीडिया पर चल रहे एक संदेश में एक अपशब्द को पढ़ा था और उन पर शनिवार सुबह 10 बजे से जनसभाएं करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस आदेश में टिप्पणी को अपमानजनक, अभद्र एवं पूर्णत: अनुचित बताया गया।
चुनाव आयोग के सचिव राहुल शर्मा ने आदेश में कहा कि सत्ती पर फिलहाल चल रहे लोकसभा चुनावों के संबंध में किसी भी सार्वजनिक सभा, जुलूस, रैली, रोड शो एवं साक्षात्कार, मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) में कुछ भी बोलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत सत्ती को जनसभाएं करने से रोका है। यह अनुच्छेद चुनाव आयोग को चुनावों के संचालन, निर्देशन एवं नियंत्रण की शक्तियां प्रदान करता है।
राज्य के एक निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि आयोग का मानना है कि बयान, 'आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचरण के पहले हिस्से के पैरा दो के प्रावधानों का और आयोग के 28 नवंबर 2013 के परामर्श का उल्लंघन है।' उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इस बयान की कड़ी निंदा करता है और सत्ती को कदाचार के लिए फटकार लगाता है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जब अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना की जाए तो वह उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पूर्व के रिकॉर्ड एवं कार्यों तक सीमित होनी चाहिए। पार्टियों एवं उम्मीदवारों को अन्य पार्टियों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से संबंधित न हों, किसी के निजी जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना करने से बचना चाहिए।
प्रदेश भाजपा के महासचिव चंद्र मोहन ठाकुर ने कहा, 'भाजपा नेता अभद्र टिप्पणियां नहीं करते हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह सोशल मीडिया पर वायरल एक संदेश को पढ़ रहे थे। इसके उलट, वह कांग्रेस है जिसके अध्यक्ष एवं अन्य नेता प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक ‘चोर’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं।' (भाषा)