जानकारी के मुताबिक 16वीं लोकसभा में 200 बिल पास हुए, जबकि 15वीं लोकसभा में 181 बिल पास हुए, जो कि तुलनात्मक रूप से 10.49 फीसदी कम है। इसी तरह एनडीए के कार्यकाल में सदस्यों ने निजी तौर पर 1117 बिल पेश किए, जो कि पिछली बार (372) की तुलना में 200 फीसदी से भी ज्यादा हैं। शून्यकाल के मामले भी पिछली सरकार की तुलना में करीब 87 फीसदी अधिक हैं।
उन्होंने बताया कि 31 जनवरी से शुरू हुए संसद सत्र के दौरान कुल 10 बैठकें हुईं। इस दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर चर्चा हुई एवं उसे पारित किया गया। इस दौरान लोकसभा में तीन तथा राज्यसभा में पांच विधेयकों को पारित किया गया। राज्यसभा में सात दिन विपक्षी दलों के हंगामे के कारण कामकाज नहीं हो सका। विपक्ष ने इस दौरान राज्यों से संबंधित मुद्दों को उठाया जिससे कामकाज बाधित हुआ।
उन्होंने कहा कि चार और पांच फरवरी को तृणमूल कांग्रेस, छह और सात फरवरी को समाजवादी पार्टी तथा आठ और 11 फरवरी को कांग्रेस ने सदन के कामकाज को बाधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार तीन तलाक और नागरिकता विधेयकों को पारित करना चाहती थी, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण यह पारित नहीं हो सका।