मोदी 180 डिग्री के प्रधानमंत्री, महागठबंधन करेगा प्रधानमंत्री का फैसला : अखिलेश यादव

रविवार, 5 मई 2019 (21:08 IST)
सुल्तानपुर। नरेन्द्र मोदी को ‘180 डिग्री का प्रधानमंत्री’करार देते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि देश को नया प्रधानमंत्री मिलने जा रहा है जो महागठबंधन से हो सकता है।
 
उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की इस कथित टिप्पणी को ‘गलत बयान’कहकर खारिज किया कि उनकी पार्टी ने सपा-बसपा गठबंधन को लाभ पहुंचाने और भाजपा के वोट काटने के लिए उम्मीदवार खड़े किए हैं।
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि महागठबंधन जीत रहा है और लोग उनके साथ हैं।

कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं ने भी कहा कि पार्टी ने कुछ सीटों, जहां महागठबंधन मजबूत है, पर अपने उम्मीदवार इस तरह से उतारे हैं कि भाजपा के वोट शेयर में बिखराव हो सके।
 
यादव ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान साक्षात्कार में कहा कि सपा-बसपा-रालोद गठबंधन जमीन पर काम कर रहा है और ये लोग हैं जो गठबंधन की सफलता के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। यह अधिकतम सीट जीतेगा।
 
उन्होंने कहा कि गठबंधन उत्तरप्रदेश में सामाजिक न्याय सुनिश्चित कर विकास के नए युग का सूत्रपात करने के लिए है और यह 2022 के विधानसभा चुनाव में भी जारी रहेगा।
 
उन्होंने कहा कि देश को इस साल नया प्रधानमंत्री मिलने जा रहा है और यह गठबंधन है जो तय करेगा कि वह व्यक्ति कौन होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या अगला प्रधानमंत्री महागठबंधन से हो सकता है, यादव ने कहा कि क्यों नहीं?
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए यादव ने कहा कि नोटबंदी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ‘आपदा’ थी। उन्होंने कहा कि मोदीजी 180 डिग्री के प्रधानमंत्री हैं। वे जो कहते हैं, ठीक उसका उल्टा करते हैं।
 
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ही (अखिलेश) महागठबंधन के लिए मायावती से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति और परिस्थितियों के मद्देनजर महागठबंधन जरूरी हो गया था।
 
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथों बुरी तरह हारने के बाद धुर राजनीतिक विरोधी सपा और बसपा 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के खिलाफ गठबंधन कर एकजुट हो गए हैं।
 
भाजपा ने 2014 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 71 पर जीत दर्ज की थी। सपा केवल पांच सीट जीत पाई थी और बसपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी। (भाषा)

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