भोपाल। मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में इस वक्त सबसे बड़ी चर्चा इस बात की है कि क्या अटल जी के तरह नरेंद्र मोदी भी विदिशा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। मंगलवार को भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में दिन भर पार्टी के बड़े नेताओं की बैठक चलने के साथ इस सुगबुगाहट ने और जोर पकड़ लिया। मंगलवार रात प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति की बैठक में सूबे की बाकी बची सीटों को लेकर नामों पर मंथन होने की चर्चा है।
विदिशा लोकसभा सीट से वर्तमान में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सांसद है, जिन्होंने इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का एलान पहले ही कर दिया है। विदिशा संसदीय सीट से भाजपा के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी 1991 में लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उस वक्त भाजपा के घोषित उम्मीदवार पूर्व मंत्री राघवजी नाम घोषित होने के बाद अटल जी के लिए पीछे हट गए थे। मध्यप्रदेश में इस वक्त भाजपा में उम्मीदवारों को लेकर जिस तरह संशय के हालत बन गए हैं। उसके बाद कुछ बड़े चेहरों को मैदान में उतार कर कांग्रेस को घेर सकती है।
मोदी के बनारस से चुनाव लड़ने के बाद इस वक्त बनारस से ही प्रियंका गांधी के भी चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक प्रियंका बनारस से चुनाव लड़ने को तैयार हो गई है। ऐसे में अगर प्रियंका गांधी बनारस से चुनाव लड़ती है और सपा और बसपा का महा गठबंधन उनको अपना समर्थन देता है तो कांटे का मुकाबला हो सकता है।
ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनारस के साथ किसी और सीट से भी चुनाव लड़ने की भी अटकलें लगाई जा रही है, जिसमें एक मध्यप्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट भी हो सकती है। जहां अब तक पार्टी ने अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है। इस बीच भाजपा के बड़े नेता दावा करने में जुटे हैं कि भाजपा अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर लोगों को चौंका देगी। वहीं पूर्व मंत्री राघव जी पहले ही नरेंद्र मोदी को विदिशा सीट से चुनाव लड़ाने की मांग कर चुके हैं।