पत्र में टीएमसी ने कहा कि कानून और व्यवस्था पूरी तरह से राज्य सरकार के दायरे में आने वाला डोमेन है। लेकिन सीबीआई ने ऐसा करने से पहले राज्य सरकार या पुलिस अधिकारियों को कोई कार्रवाई योग्य नोटिस जारी नहीं किया। अगर सीबीआई को वास्तव में लगता कि ऐसी छापेमारी के दौरान एक बम दस्ते की आवश्यकता थी तो राज्य पुलिस के पास एक पूरी तरह कार्यात्मक बम निरोधक दस्ता है जो पूरे ऑपरेशन में सहायता कर सकता था।
क्या है मामला : सीबीआई, बम निरोधक दस्ते, एनएसजी, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और पश्चिम बंगाल पुलिस की टीम ने उत्तर 24 परगना जिले में सुंदरबन के किनारे एक गांव में छापेमारी की थी। इस मामले की जांच के दौरान सूचना प्राप्त हुई कि ईडी की टीम से खोया हुआ सामान और अन्य चीजें संदेशखाली में शेख के एक करीबी के घर में छिपाकर रखी गई है।
संदेशखाली से रेड में क्या मिला : छापेमारी के दौरान सीबीआई ने विदेश निर्मित तीन रिवॉल्वर व एक पिस्तौल, भारत निर्मित एक रिवॉल्वर, एक पुलिस रिवॉल्वर, एक देसी तमंचा, प्वाइंट 45 कैलिबर के 50 कारतूस, नौ मिमी के 120 कारतूस, प्वाइंट 380 कैलिबर के 50 कारतूस और प्वांइट 32 कैलिबर के आठ कारतूस बरामद किए।
गौरतलब है कि ईडी की टीम पर 5 जनवरी को संदेशखाली में उस समय हमला किया गया था, जब वह राशन घोटाले के सिलसिले में शेख के परिसर पर छापा मारने गई थी। लगभग 1,000 लोगों की भीड़ के हमले में ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे। शेख को 29 फरवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था।