Corona Vaccine entry in Lok Sabha elections: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को अपनी उपलब्धि के रूप में गिनाते रहे हैं, लेकिन कोविशील्ड (covishield) का फॉर्मूला बनाने वाली कंपनी एस्ट्रोजेनिका की ब्रिटिश कोर्ट में यह स्वीकारोक्ति के बाद इस वैक्सीन से शरीर में खून के थक्के जमते हैं, भारत में चुनावी मुद्दा बन गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने वैक्सीन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधा है।
हक छीनने के लिए मांग रहे हैं 400 सीटें : उन्होंने कहा कि मोदी जी और उनके चेले बार-बार कहते हैं कि हमें 400 से अधिक सीट दीजिए। वे गरीबों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े लोगों के कल्याण के लिए नहीं बल्कि लोगों से उनके अधिकार छीनने के लिए 400 से अधिक सीट मांग रहे हैं। भाजपा नेता कहते रहे हैं कि अगर इस बार उन्हें दो-तिहाई बहुमत मिला तो वे संविधान बदल देंगे। परसों आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हम संविधान नहीं बदलने जा रहे हैं और आरक्षण खत्म नहीं करने जा रहे हैं। यदि उन्होंने (भाजपा नेताओं ने) इस बारे में बात नहीं की थी तो उन्हें यह कहने की जरूरत क्यों पड़ी।
विकास नहीं सत्यानाश : भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर निशाना साधते हुए खरगे ने कहा कि उसने 'विकास' नहीं, बल्कि 'सत्यानाश' किया है और अगर ऐसा प्रधानमंत्री 5 साल और रहेगा तो देश बर्बाद हो जाएगा। कांग्रेस नेता ने मंगलसूत्र वाले बयान को लेकर भी प्रधानमंत्री पर हमला बोला और कहा कि हमने 55 साल तक देश पर शासन किया, लेकिन क्या हमने किसी का मंगलसूत्र छीना या लोगों को सलाखों के पीछे डालने के लिए ईडी, आयकर विभाग का दुरुपयोग किया?
क्यों हुई चुनाव में वैक्सीन की एंट्री : दरअसल, कोरोना महामारी के करीब 4 साल बाद वैक्सीन का फॉर्मूला तैयार करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में स्वीकार किया कि उसकी वैक्सीन जिसे दुनियाभर में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड के नाम से बेचा गया था, वह लोगों में खून के थक्के जमने समेत कई दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है। यह हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और प्लेटलेट्स गिरने का कारण बन सकती है। हालांकि कंपनी ने साफ कहा कि कुछेक लोगों में यह समस्या हो सकती है। ऐसा बेहद दुर्लभ मामलों में ही होगा और आम लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।