एनिमेटेड वीडियो मामले में जेपी नड्डा समेत 3 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 6 मई 2024 (17:20 IST)
FIR registered against 3 people including JP Nadda in animated video case : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय और कर्नाटक इकाई के प्रमुख बीवाई विजयेन्द्र के खिलाफ एक सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि इन नेताओं पर एक विशेष उम्मीदवार को वोट न देने के लिए अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को कथित तौर पर डराने-धमकाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
ALSO READ: लोकसभा चुनाव में निर्मला सप्रे समेत 3 कांग्रेस विधायकों ने छोड़ी पार्टी, PCC चीफ जीतू पटवारी के नेतृत्व पर उठे सवाल?
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) ने आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए रविवार को निर्वाचन आयोग तथा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भाजपा नेताओं पर जन प्रतिनिधि कानून की धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा को बढ़ावा देने वाला बयान देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ALSO READ: भाजपा लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतेगी : जेपी नड्डा
केपीसीसी ने शिकायत में कर्नाटक प्रदेश भाजपा के आधिकारिक अकाउंट से एक्स पर पोस्ट एक वीडियो का हवाला दिया। उसने आरोप लगाया कि इस अकाउंट का संचालन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेन्द्र के निर्देश पर पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय करते हैं।
 
कांग्रेस ने लगाया यह आरोप : कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए उक्त वीडियो में राहुल गांधी और (मुख्यमंत्री) सिद्धारमैया के एनिमेटेड किरदार दिखाए गए हैं। वीडियो क्लिप में एससी, एसटी और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय को एक घोंसले में रखे अंडों के तौर पर दिखाया गया है तथा इसमें राहुल गांधी को मुस्लिम समुदाय नाम से एक बड़ा अंडा रखते हुए भी दिखाया गया है।
 
केपीसीसी ने की शिकायत : उसने कहा कि इसे इस तरह से प्रदर्शित किया गया है कि जैसे कि मुस्लिम समुदाय को दर्शाने वाले चूजों को धन दिया जा रहा हो, जो बाद में एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को बाहर निकाल देते हैं। केपीसीसी ने शिकायत की है कि आरोपियों का कृत्य जानबूझकर दंगा भड़काना और विभिन्न धर्मों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना है तथा एक विशेष उम्मीदवार को वोट नहीं देने के लिए एससी/एसटी समुदाय के सदस्यों को डराना-धमकाना और इस समुदाय के सदस्यों के खिलाफ वैमनस्य पैदा करना है।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख