Kapil Sibal's statement regarding booth level data issue : राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने बृहस्पतिवार को कहा कि निर्वाचन आयोग ने अपनी वेबसाइट पर मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत के आंकड़े नहीं डाले हैं, जिससे राजनीतिक दलों को कुछ गड़बड़ होने को लेकर संदेह पैदा हो गया है।
तो चुनावी मशीनरी में अराजकता फैल जाएगी : वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह सवाल भी किया कि जब मतदान के अंत में फॉर्म 17सी में सभी विवरण पोलिंग एजेंट को दे दिए जाते हैं तो बूथ स्तर का डेटा डालने में क्या समस्या है? उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत डेटा के अविवेकपूर्ण खुलासे और इसे वेबसाइट पर पोस्ट करने से चुनावी मशीनरी में अराजकता फैल जाएगी, जो मौजूदा लोकसभा चुनाव में जुटी है।
फॉर्म 17सी अपलोड करने का कोई कानूनी आदेश नहीं : सिब्बल ने कहा, निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि उसके पास फॉर्म 17सी अपलोड करने का कोई कानूनी आदेश नहीं है, जो एक मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का रिकॉर्ड है। उनका कहना था, फॉर्म 17 सी पर पीठासीन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं और मतदान के अंत में पोलिंग एजेंट को दिया जाता है, जो डाले गए वोट की संख्या को दर्शाता है।
राजनीतिक दलों को संदेह हो रहा : सूचना सीधे निर्वाचन आयोग को भी भेजी जाती है। अब ऐसा क्यों होता है कि आयोग उस डेटा को वेबसाइट पर नहीं डालता? समस्या क्या है? आयोग अपनी वेबसाइट पर अंतिम आंकड़े तो डालता ही है ताकि यह पता चले कि कौन जीता है? सिब्बल ने कहा कि राजनीतिक दलों को संदेह हो रहा है कि कुछ तो गड़बड़ है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour