आमतौर पर देखा जाता है कि शादी के 10-12 वर्षों के बाद वैवाहिक आनंद बच्चों के प्रति जिम्मेदारियों में उलझ कर रह जाता है। पति-पत्नी एक-दूसरे के लिए समय नहीं निकाल पाते। लाइफ में एक उबाऊपन सा महसूस होने लगताहै। खैर समय के साथ उतना आनंद तो रह भी नहीं सकता जितना वैवाहिक जीवन की शुरुआत में था लेकिन फिर भी इसे बरकरार रखने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं।
* साथ टहलने जाएं : सुबह जल्दी उठकर या दफ्तर से जाने के बाद, भोजन करने के बाद शाम का समय साथ में टहलने के लिए निकालें। साथ समय बिताने का मौका भी मिल जाएगा और वॉकिंग भी हो जाएगी।
* एल्बम निकाल लें : शादी का एल्बम निकालकर साथ में देख सकते हैं। इससे पुरानी यादें ताजा होने से रिफ्रेश महसूस करेंगे।
* मित्र के घर चाय पीने जा सकते हैं या उन्हें घर बुला सकते हैं। साथ बैठकर पुराना समय याद करने से भी बोरियत की धूल उड़ेगी।
* किचन में मदद कर दें - श्रीमती जी के साथ किचन में मदद कर दें या उन्हें चाय-कॉफी बनाकर पिला दें। कमरे की सफाई में उन्हें सहयोग करें। इससे उन्हें भी लगेगा कि आप उनके बारे में कितना सोचते हैं।
* होटल जाएं - छुट्टी के दिन खाना खाने होटल में जा सकते हैं। या खाना साथ लेकर किसी गार्डन में जाएं।
* एसएमएस की मदद लें : फुर्सत के लम्हे निकालकर दोनों मोबाइल पर आए ढेरों एसएमएस को साथ पढ़कर उनका आनंद लें। न्यूजपेपर या मैग्जीन्स में अच्छे लगने वाले लेखों को साथ बैठकर पढ़ें। ये साथ बिताए चंद घंटे आपको कई महीनों तक रोमांचित करने के लिए काफी हैं।