वो नब्बे के दशक का कोई टीवी सीरियल था, नायिका ने प्यार में धोखा खाया था। वो बिन माँ की, पिता के कठोर अनुशासन में पली बहुत सीधी-सादी लड़की थी, उसके हमदर्द के नाम पर उसकी एक बुआ थी और दोस्त तो खैर कोई था ही नहीं। उसके धोखा खाने के बाद उसकी प्रतिक्रिया के शॉट के ऐन मौके पर उस दिन एपिसोड खत्म कर दिया गया। अगले एपिसोड में जब नायिका का शॉट आया तो कैमरा बजाय उसके चेहरे के उसके पैरों की तरफ से उसके चेहरे पर गया... अरे.. ये क्या! नायिका पूरी तरह से बदल गई।
सलवार-कमीज की बजाय बिजनेस सूट पहने थीं, चोटी की बजाय उसने अपने बाल बॉब कट करवा लिए थे। नाजुक और सुंदर से हिल वाले फुटवेयर को छोड़कर शूज पहन रखे थे। ऐसा लगा जैसे कि उसका नया जन्म हुआ हो। शायद यही होता होगा, तभी तो ब्रेकअप के बाद महिलाएँ अपना रहन-सहन पूरी तरह से बदल देती हैं। वे न सिर्फ बालों के साथ, बल्कि अपने कपड़ों, रहन-सहन के दूसरे तरीकों और बोलचाल तक में परिवर्तन कर लेती हैं।
श्रुति ने घर में बता दिया था कि वो अधीर से शादी करेगी। पूरा परिवार जब उसकी शादी की तैयारियों में लगा था तब अचानक अपने लंबे-खूबसूरत बालों को कटवाकर घर लौटी श्रुति को देखकर सारे लोग सकते में आ गए। श्रुति ने ऐलान कर दिया कि यहाँ कोई शादी नहीं हो रही है।
इसके पीछे मनोविज्ञान काम करता है। महिलाएँ अपने पूर्व को यह संदेश देना चाहती हैं कि वो अब उसके घेरे से बाहर निकल गई है, उस सारी भावनात्मक उथल-पुथल को भी पार कर चुकी है, जो दिल टूटने के दौरान हुई थी। अब वो बिल्कुल अलग है, नई है। सारे अतीत को वो दफना चुकी है और भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार है। वो पुराने रिश्ते, उसके दर्द और उस बंधन से निकल चुकी है। नए रिश्तों और नई संभावनाओं का उसे इंतजार है। ये एक तरह से नए दौर का आगाज भी है। कभी ऐसा हुआ करता था कि एक रिश्ते के खत्म होने के बाद सारी संभावनाओं के द्वार बंद कर लिए जाते थे, लेकिन अब दौर बदल गया है, लड़कियाँ एक रिश्ते के खत्म होने से जीवन को नहीं जोड़ती हैं।
इसी तरह कहीं ये सोच भी होती ही होगी कि अपने पूर्व प्रेमी की पसंद की रेखा को पकड़कर उसने खुद को जैसा बनाया, पाया और देखा है, अब उस रेखा को भी पार कर लिया है, जैसा कि श्रुति के केस में हुआ। अधीर को श्रुति के लंबे बाल बहुत पसंद थे तो रिश्ते के टूटते ही श्रुति ने सबसे पहली प्रतिक्रिया अपने बालों को कटा कर दी। मतलब 'अब मैं तुम्हारी पसंद-नापसंद के घेरे से भी आजाद हूँ' या 'अब मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, कि तुम्हें क्या पसंद है? अब मैं अपनी पसंद से जीने के लिए आजाद हूँ।' अब तक अपने वजूद के जिस हिस्से को उसने किसी की पसंदगी के लिए हिफाजत से रखा हो, उस किसी के जीवन से बेदखल होते ही, उस हिस्से से भी मुक्ति... एक तरह के विद्रोही तेवर हैं।
फिर से नए आत्मविश्वास और नए रूप के साथ एक बार फिर से दुनिया से रूबरू होने, सह लेने और जी लेने के लिए। किसी उम्मीद के सहारे अपने लिए संभावनाओं के रास्ते खोलने और नए रिश्तों के लिए फिर से तैयार होने का संकेत देती है।
इसी तरह सृष्टि ज्यादातर चूड़ीदार कुर्ता ही पहनती थी, क्योंकि अभिजीत को वो उसी तरह के कपड़ों में अच्छी लगती थी। बकौल अभिजीत 'फैमिनिन...' वो कहा करता था कि जींस-टॉप में या फिर किसी और वेस्टर्न ड्रेस में वो बहुत अजनबी-सी लगती है। सृष्टि ने अभिजीत की पसंद के हिसाब से खुद को ढाल लिया था, लेकिन जैसे ही ये रिश्ता टूटा, सृष्टि का पहनावा पूरी तरह से बदल गया। अब वो सिर्फ वेस्टर्न ड्रेसेस ही पहनती है और उसमें वो पहले से ज्यादा आत्मविश्वासी और आकर्षक नजर आने लगी।
इसके अतिरिक्त लड़कियाँ खुद को वर्तमान से बेहतर बनाकर अपने अंदर के बिखराव को समेटने और फिर से नया बना लेने की कोशिश करती है। एक दुखद और टूटने वाले अनुभव से उबरने... एक खुशनुमा रिश्ते के टूटने के बाद नए सिरे से खड़े होने का उपक्रम करती हैं। एक तरह से अपने रहन-सहन, चाल-ढाल और अपने बोल-व्यवहार से अपने पुराने को बेदखल करने की कोशिश की जाती है।
फिर से नए आत्मविश्वास और नए रूप के साथ एक बार फिर से दुनिया से रूबरू होने, सह लेने और जी लेने के लिए। किसी उम्मीद के सहारे अपने लिए संभावनाओं के रास्ते खोलने और नए रिश्तों के लिए फिर से तैयार होने का संकेत देती है।
रागिनी का रिश्ता खत्म हुआ तो उसने हफ्तेभर तक सबसे दूरी बना ली। होस्टल के कमरे से बस जरूरत भर ही बाहर निकलती, अंदर क्या करती थी, पता नहीं। किसी से नहीं मिलती और बात करती, फिर एक दिन वो ब्यूटी सैलून गई। वहाँ से लौटी तो बड़ी अटपटी हेयर स्टाइल में... कुछ ऐसी जिसमें वो कुछ अजीब लग रही थी, अपनी उम्र से कुछ बड़ी भी।
कुछ ऐसा ही ब्रिटनी स्पीयर्स ने किया था जब उनका रिश्ता केविन फेडरलाइन से टूटा था। उस वक्त ब्रिटनी ने अपना सिर मुँडवा लिया था। दरअसल, ये एक तरफ तो अपने एक्स की पसंदगी के प्रति विद्रोह है तो दूसरे उस स्थापित मूल्य के प्रति विद्रोह है जिसके तहत आपकी दैहिक सुंदरता आपको पसंद करने का एकमात्र आधार बनती है। इसका मतलब सीधा-सा ये है कि अब लड़कियाँ अपने सुंदर दिखते रहने के मूल्य को भी खारिज करती है।
हालाँकि विशेषज्ञों के अनुसार ब्रेकअप के बाद के मनोविज्ञान को समझना आसान नहीं है और उसके बाद के कदमों को लेकर भी कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन मोटे तौर पर ब्रेकअप के बाद की स्थिति में लड़कियाँ खुद को पूरी तरह से बदला हुआ देखना चाहती हैं, क्योंकि अंदर से भी बदलती हैं इसलिए उस बदलाव का रिफ्लेक्शन बाहर भी दिखाने के लिए वे अपने रहन-सहन, पहनावे, एटिट्यूड और कुल मिलाकर अपने एपियरेंस को पूरी तरह से बदल देना चाहती हैं।