Lunar Eclipse 2020 : भारत में नहीं दिखाई देगा चंद्रग्रहण

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05 जुलाई 2020 को चंद्र ग्रहण है। इसी दिन गुरु पूर्णिमा भी है। ये चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगेगा। ये साल का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस खगोलीय घटना को आप ऑनलाइन जरूर आप देख सकते हैं।  
 
चंद्र ग्रहण की शुरुआत 05 जुलाई की सुबह 08 बजकर 38 मिनट पर होगी। वहीं, इस ग्रहण की समाप्ति 11 बजकर 21 मिनट पर होगी। ये ग्रहण दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। 
 
2020 के बाकी चंद्र ग्रहण की तरह ही यह भी एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण में पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है, लेकिन पृथ्वी की बाहरी छाया ही चंद्रमा को छू पाती है। ऐसे में चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं आता है। ज्योतिष के अनुसार उपच्छाया चंद्र ग्रहण को सामान्य ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता।
 
जानिए क्या होता है उपछाया चंद्र ग्रहण
यह उपछाया चंद्र ग्रहण है। इस दिन गुरु पूर्णिमा भी है, यह अद्भुत संयोग बन रहा है। जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है अर्थात सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते है तो चंद्रग्रहण होता है। लेकिन जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में तो होती है परन्तु तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते हैं तो उपछाया चंद्रग्रहण होता है।
 
भारत में नहीं दिखाई देगा चंद्रग्रहण 
चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। अत: इस चंद्र ग्रहण असर भारत में नहीं होगा। यह चंद्रग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पैसिफिक और अंटार्टिका में दिखाई देगा। वहां के लोग इस चंद्र ग्रहण को देख सकेंगें।
2020 में लगने वाले कुल ग्रहण
 
- पहला ग्रहणः 10 जनवरी, चंद्र ग्रहण (लग चुका है)
 
- दूसरा ग्रहणः 5 जून, च्रद्र ग्रहण (लग चुका है)
 
- तीसरा ग्रहणः 21 जून, सूर्य ग्रहण (लग चुका है)
 
- चौथा ग्रहणः 5 जुलाई को लगेगा, चंद्र ग्रहण
 
- पांचवा ग्रहणः 30 नवंबर को लगेगा, चंद्र ग्रहण
 
- छठा ग्रहणः 14 दिसंबर को लगेगा, सूर्य ग्रहण
 
कब लगेगा चंद्र ग्रहण
इस ग्रहण की शुरुआत सुबह 8 बजकर 37 मिनट से होगी। जो 11 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन लगता है और इस बार ये चंद्र ग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन है।
जानिए क्या होता है उपछाया ग्रहण
 यह चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है। हर चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में अवश्य प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य या अंग्रेजी में Penumbra कहा जाता है। उसके बाद ही चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया (Umbra) में प्रवेश करता है, तभी उसे चंद्रग्रहण कहते हैं।
सूतक काल में रखें इन बातों का ध्‍यान
 
सूतक काल में व्यक्ति को संशय नहीं रखना चाहिए। सूतक काल के दौरान होने वाली सावधानियों का पालन अवश्य करें, अर्थात भोजन, शयन, मैथुन, खान पान, गर्भवती स्त्रियों का फल सब्जी आदि काटना सोना वर्जित है लेकिन अशक्‍त जन, बूढ़े, रोगी एवं बच्चे आदि खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी या कुशा रखने के बाद इनका सेवन कर सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्‍यान रखना होगा
 
वैसे तो सभी लोग सूतक मानने या ना मानने के लिए स्वतंत्र हैं, परंतु गर्भवती स्त्रियों के लिए विशेष तौर पर सावधानियां जरूर पालन करें। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाएं कभी नहीं चाहती है कि शिशु नकारात्मक एनर्जी के प्राप्त करें। इसलिए महिलाओं को ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव शिशु पर पड़ता है, और गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है। इसलिए ग्रहण के दौरन गर्भवती महिलाओं को कभी नहीं सोना चाहिए।
कहां-कहां दिखेगा ये चंद्र ग्रहण
भारतीय समय के अनुसार 5 जुलाई की सुबह 8.37 बजे से ये चंद्र ग्रहण शुरू होगा और 11.22 बजे समाप्ति होगा। ये ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, इरान, ईराक, रूस, चीन, मंगोलिया और भारत के सभी पड़ोसी देशों को छोड़कर शेष पूरी दुनिया में दिखाई देगा। इसके बाद 30 नवंबर को भी ऐसा मांद्य चंद्र ग्रहण लगेगा।
सूतक काल नहीं लगेगा
इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। धार्मिक मान्यताओं अनुसार चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। जिस अवधि में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते।
ग्रहण कैसे देखें
चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूरी तरह से सुरक्षित होता है। लेकिन अगर इस नजारे को टेलिस्कोप की मदद से देखा जाए तो ये बेहद ही खूबसूरत दिखाई देता है। इसे देखने के लिए खास तरह के सोलर फिल्टर वाले चश्मों का प्रयोग किया जाता है। हालांकि ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए आप इसे ऑनलाइन विभिन्न चैनलों के जरिए देख सकते हैं।
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