मध्यप्रदेश में मुस्लिम परिवारों की कथित घर वापसी का सिलसिला तेज पकड़ता जा रहा है। ताजा मामला रतलाम का आया है, जहां एक ही परिवार के 18 सदस्य गोबर-गोमूत्र से शुद्ध होकर सनातनी बने। रतलाम के आंबा गांव में घर वापसी करने वाले घुमक्कड़ मोहम्मद शाह जो अब राम सिंह के नाम से जाने जाएंगे कहते है कि 3 पीढ़ी के बाद सनातन धर्म में उनकी घऱ वापसी हुई है। मुंडन करा कर सनातन धर्म की मुख्यधारा में वापस लौटने वाले रामसिंह के परिवार के लोग कहते हैं कि वह पहले हिंदू ही थे, बाद में मुस्लिम हो गए थे। घर वापसी के लिए बकायदा शपथ पत्र भरा गया जिसमें बिना किसी दबाव के घऱ वापसी करने की बात कही गई है।
रतलाम के आंबा गांव में शिव महापुराण आयोजन के दौरान सनातन धर्म में शुद्धीकरण के बाद वापसी करने वाले घुमक्कड़ प्रजाति के 18 लोगों में से कुछ के नाम मुस्लिम और कुछ लोगों के नाम हिंदू है। घर वापसी करने वाले मोहम्मद, मौसम, रेहान,सिमरन और फिरोजा के नाम मुस्लिम समाज के नामों से मिलते हैं। वहीं अर्जुन, अरुण विक्रम, आशा, और निर्मल के नाम हिंदू समाज के नाम है।
वहीं घर वापसी करने वाले परिवार का यह भी कहना है कि कभी इस्लाम धर्म कबूल नहीं किया। ना ही उन्होंने कभी मस्जिद में नमाज पढ़ी और कोई मुस्लिम त्यौहार को मनाया है। लेकिन गांव और समाज के लोग इन्हें मुस्लिम कहते हैं। जिसके बाद इन्होंने अपनी स्वेच्छा से सनातन धर्म में घर वापसी की है।
दरअसल घुमक्कड़ प्रजाति के यह लोग अनाज और अन्य वस्तुएं मांग कर अपना जीवन यापन करते हैं। इनके पूर्वज खानाबदोश होकर और जी और जड़ी बूटी बेचने का कार्य भी करते थे। बाद में इस कबीले के लोग अंबा गांव और अन्य गांव में बस गए। फकीरों की तरह गांव में अनाज और अन्य वस्तुएं मांगते थे। इसके लिए बकायदा सभी लोगों ने शपथ पत्र बनवाकर पुनः हिंदू धर्म धारण किया है।