अतिथि शिक्षक मप्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष शंभूचरण दुबे की अगुवाई में अतिथि शिक्षक उन सभी 27 सीटों पर एक रथयात्रा निकाल रहे है जहां पर चुनाव होने है। संघ के अध्यक्ष शंभूचरण दुबे वेबदुनिया से बात करते हुए कहते हैं कि दतिया में मां पीतबंरा के दर्शन कर अतिथि शिक्षकों की रथयात्रा शुरु हो चुकी है। रथयात्रा के जरिए अतिथि शिक्षक लोगों को यह बता रहे हैं कि जिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षक संघ की मांगों के मुद्दें पर कांग्रेस छोड़ी थी वह अब भाजपा में उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
अतिथि शिक्षक संघ का आरोप है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने निजी स्वार्थ के लिए केवल कांग्रेस छोड़ी थी उनका अतिथि शिक्षकों से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने अतिथि शिक्षकों के मंच का इस्तेमाल केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए किया। शंभूचरण दुबे कहते हैं कि पिछले दिनों ग्वालियर दौरे के दौरान अतिथि शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने की कोशिश भी की लेकिन उनकी अनदेखी की गई है।
भाजपा में शामिल होने से कुछ दिन पहले ही 15 फरवरी को टीकमगढ़ के कुडीला गांव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए कहा था कि ‘अगर कांग्रेस की घोषणापत्र का एक-एक अंग पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना। आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा’। सिंधिया के इस बयान पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंधिया को दो टूक जवाब देते हुए कहा था कि उनको उतना हो तो उतर जाए। इसके बाद 10 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे।