सागर के रहली से 8वीं बार के विधायक गोपाल भार्गव पार्टी के सीनियर नेता और संसदीय परंपराओं के जानकार माने जाते हैं। अगर उनके सियासी सफर की बात करें तो वे 1982 से 1984 तक गढ़ाकोटा नगर पालिका के अध्यक्ष रहे, वहीं वे पहली बार 1985 में विधानसभा के सदस्य चुने गए। उसके बाद से वे लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं।
गोपाल भार्गव पहली बार 2003 में उमा भारती सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे। इसके बाद से वे लगातार बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। गोपाल भार्गव के संघ से काफी करीबी रिश्ते रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है, उसे वे पूरा करने का प्रयास करेंगे।
विधायक दल की बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथसिंह ने गोपाल भार्गव के नाम का एलान किया है। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने नेता प्रतिपक्ष के लिए गोपाल भार्गव के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका सर्मथन पार्टी सीनियर नेता नरोत्तम मिश्र ने किया। इसके बाद सभी विधायकों ने सर्वसम्मति के गोपाल भार्गव को अपना नेता चुन लिया।