भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा के नेताओं में आपसी खींचतान और गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। भाजपा जिला अध्यक्ष के चुनाव के बाद अब पार्टी में सिर फुटौव्वल सतह पर आ गया है। शिवपुरी में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थनक जसमंत जाटव को जिला अध्यक्ष बनाने के लिए जिस तरह से पार्टी संविधान की ताक पर रखा उसके बाद स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में विरोध के सुर बुलंद हो गए है।
दरअसल जसमंत जाटव को पार्टी में शामिल हुए सिर्फ 4 साल का समय हुआ है और इस लिहाज से वह चार साल से ही पार्टी के सक्रिय सदस्य है, जबकि जिला अध्यक्ष के लिए 6 साल तक सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य है, इसलिए भाजपा कार्यकर्ता जसमंत जाटव को जिल अध्य़क्ष बनाए जाने का विरोध कर रहे है। इसके साथ जसमंत जाटव की शिवपुरी में भाजपा के स्थानीय बड़े चेहरों और संगठन से दूरी भी काफी सुर्खियों में रही है। शिवपुरी से ही आने वाले भाजपा प्रदेश महामंत्री रणवीर रावत और जसमंत जाटव के बीच आपसी खींचतान भी किसी से छिपा नहीं है।
वहीं जसमंत जाटव के जिला अध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी के अंदर विरोध के सुर उठने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। कार्यकर्ता कुछ कह दें तो इसे विरोध नहीं करते है। भाजपा में सामंजस्य के साथ अच्छी प्रक्रिया में स्वच्छ वातावरण में संगठन के चुनाव हुए है।
सागर में भी विरोध के सुर-वहीं भाजपा ने सागर में पहली बार दो जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है। पार्टी ने सागर शहर से श्याम तिवारी को जिला अध्यक्ष बनाया है जो कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के करीबी है। वहीं सागर ग्रामीण से रानी कुशवाह को पहला जिला अध्यक्ष बनाया है, जो भाजपा के दिग्गज नेता गोपाल भार्गव के खेमे से आती है। ऐसे में सागर शहर में गोविंद सिंह राजपूत के करीबी श्याम तिवारी को जिला अध्यक्ष ने पार्टी के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के विरोध के फिर दरकिनार कर दिया है। गौरतलब है कि भूपेंद्र सिंह पूर्व सांसद राजबहादुर सिंह को शहर अध्यक्ष बनवाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने संगठन में अपनी बात भी रखी थी। लेकिन पार्टी ने उनकी मांग को सिरे से खारिज कर दिया है।