लोकमाता अहिल्याबाई के पदचिन्हों पर चल रहे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, महिला कल्याण के लिए संकल्पित सरकार

विकास सिंह

शनिवार, 24 मई 2025 (14:07 IST)
लोकमाता अहिल्याबाई के पदचिन्हों पर चल रहे सीएम डॉ. मोहन यादव
सुशासन-निडरता-साहस और नई राजनीति से हो रहा प्रदेश का विकास
2047 के विकसित मध्यप्रदेश में होगी महिलाओं की बड़ी भूमिका
 
मध्यप्रदेश के विजनरी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लोकमाता अहिल्याबाई से खासे प्रभावित हैं। यही वजह है कि वे स्वयं तो उनके पदचिन्हों पर चल ही रहे हैं, लेकिन अब पूरे प्रदेश को उसी दिशा में आगे ले जाने का संकल्प ले चुके हैं। यानी, वे चाहते हैं कि सुशासन, निडरता, साहस, नीति-निर्धारण, राजनीति सबकुछ लोकमाता अहिल्याबाई जैसा हो और प्रदेश दिन-रात प्रगति करता रहे। लोकमाता अहिल्याबाई को लेकर सीएम डॉ. यादव कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश उनका 300वां जयंती वर्ष मना रहा है।
ALSO READ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को आएंगे भोपाल, महिला सम्मेलन को करेंगे संबोधित, अहिल्याबाई पर जारी करेंगे डाक टिकट
इतना ही नहीं, मोहन सरकार ने लोकमाता को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कैबिनेट भी उन्हीं के क्षेत्र में आयोजित की। इस कैबिनेट बैठक में माता अहिल्याबाई को साक्षी मानते हुए जनहित के लिए कई बड़े फैसले भी किए गए। इसके साथ-साथ मोहन सरकार ने ये फैसला भी किया कि 31 मई तक पूरे राज्य में लोकमाता को समर्पित कार्यक्रम होते रहें। इस तरह माता अहिल्याबाई को लेकर लिए गए सारे निर्णय सीएम डॉ. मोहन यादव का मास्टरस्ट्रोक हैं। इन फैसलों से मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन GYAN यानी गरीब-युवा-अन्नदाता-नारी शक्ति को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं।

प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार, महिला सशक्तिकरण को लेकर निरंतर कार्य कर रही है। महिलाओं और बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वावलंबन राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। इस बात से उनका संदेश स्पष्ट है कि सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए सबकुछ करेगी।

प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने के इसी संकल्प के साथ मोहन सरकार ने हाल ही में इंदौर के राजवाड़ा में कैबिनेट की बैठक आयोजित की। इस बैठक में मेहनतकश महिलाओं के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया। कैबिनेट ने फैसला किया कि प्रदेश में महिला श्रम शक्ति भागीदारी की दर बढ़ाई जाएगी, महिलाओं को बेहतर वातावरण दिया जाएगा और उनके कामकाजी जीवन को आसान बनाया जाएगा। इसके लिए मोहन सरकार ने फैसला किया कि प्रदेश के 4 औद्योगिक क्षेत्रों में 249 करोड़ 66 लाख रुपये की लागत से वर्किंग वीमेन हॉस्टल बनाए जाएंगे। विक्रम उद्योगपुरी जिला उज्जैन, पीथमपुर सेक्टर-1 एवं 2 जिला धार, मालनपुर घिरौंगी (भिंड) एवं मंडीदीप (रायसेन) में कामकाजी महिला छात्रावासों अन्तर्गत कुल 26 हॉस्टलों और भवनों का निर्माण किया जाएगा। हर हॉस्टल में 222 बैड की क्षमता होगी। इस प्रकार कुल 5 हजार 572 बेड क्षमता के हॉस्टलों का निर्माण भारत सरकार के सहयोग से किया जाएगा।

ज्ञान का आधार नारी शक्ति
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मानना है कि मोदी मिशन ज्ञान का आधार नारी शक्ति है। नारी अगर शक्तिशाली होगी तो पूरा समाज शक्तिशाली होगा। इसलिए अगर नारी का कल्याण हो गया, तो सारे समाज और सारे प्रदेश का कल्याण होना तय है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार महिलाओं के लिए कई योजनाए लागू कर चुकी है। महिलाओं का प्रदेश में सशक्तिकरण का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां गरीब बेटियां पैदा होते ही लखपति हो जाती हैं। मोहन सरकार का कहना है कि अभी तो ये शुरुआत है, हमें पंक्ति के आखिरी खड़ी महिला को सशक्त बनाना है। ताकि, हर नारी शक्ति समाज और देश के विकास में भागीदार बन सके। सीएम डॉ. मोहन यादव का कहना है कि साल 2047 तक भारत के साथ-साथ मध्यप्रदेश को भी विकसित बनाना है। इसमें महिलाओं की बड़ी भूमिका होगी।

नारी कल्याण के लिए इतनी समर्पित मोहन सरकार
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने महिलाओं के कल्याण के कई काम किए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से देवी अहिल्या नारी सशक्तिकरण मिशन शुरू किया। मध्यप्रदेश की गौरव वीरांगना रानी दुर्गावती के 500वें जन्म जयंती वर्ष पर सरकार ने नई शुरुआत की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद की पहली बैठक का जबलपुर में आयोजित की गई। मां अहिल्या बाई के 300वें जन्म जयंती वर्ष और विजयादशमी के अवसर पर पूरे प्रदेश में दशहरा शस्त्र पूजन कार्यक्रम हुआ। सरकार ने दमोह में रानी दमयंती संग्रहालय बनाने का फैसला किया। शासकीय सेवाओं में महिलाओं के आरक्षण को बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया। लाड़ली बहना योजना में 1.27 करोड़ बहनों को अब तक 35,329 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है। प्रदेश की लगभग 25 लाख लाड़ली बहनों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर की रीफिलिंग के लिए अब तक 882 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है। लाड़ली लक्ष्मी योजना में दिसम्बर 2023 से अब तक 3.99 लाख बालिकाओं को 305 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी चुकी है।

हर क्षेत्र में काम करने वाली महिला का सशक्तिकरण
प्रदेश की मोहन सरकार स्व-सहायता समूह अंतर्गत महिलाओं को लखपति दीदी बना रही है। अभी तक 1 लाख से अधिक दीदियां लखपति बन चुकी हैं। सरकार 5 लाख स्व-सहायता समूहों के माध्यम से 62 लाख बहनों को आत्मनिर्भर बना चुकी है। महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन के लिए 850 एमएसएमई इकाइयों को 275 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। सरकार ने रेडीमेड गारमेंट्स इंडस्ट्री में प्रति महिला श्रमिक को 5 हजार प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया। सेनिटेशन-हाईजीन योजना में 19 लाख से अधिक बालिकाओं को 57 करोड़ 18 लाख की राशि प्रदान की जा चुकी है। सरकार ने जेंडर बजट में 19 हजार 21 करोड़ से अधिक की वृद्धि की। महिला सशक्तिकरण के लिए 1 लाख 21 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया। जननी सुरक्षा योजना में दिसम्बर 2024 तक लगभग 6 लाख हितग्राहियों को 79 करोड़ की राशि का भुगतान। किया जा चुका है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना, कल्याणी विवाह अंतर्गत 43,350 हितग्राहियों को 250 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता की जा चुकी है। सरकार ने सभी नगरीय निकायों की निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के मानदेय में 20 प्रतिशत वृद्धि की

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी