स्वच्छता का पंच लगाने के लिए आव्हान करते हुए जनक मगिलिगन पलटा ने कहा स्वच्छता एक सद्गुण है और गंदगी एक दुर्गुण!
स्वच्छता आत्मा से शुरू होती है और तन,मन, धन, व्यक्ति, समुदाय, गांव, शहर देश दुनिया को सुंदर और स्वस्थ बना देती है! इंदौर के लाखों लोगों ने स्वच्छ भाव और स्वछ रहकर नगर-निगम, महापौर, प्रशासन, मीडिया, जनप्रतिनिधि के साथ मिलकर लगातार पुरे भारत में चार बार स्वच्छ शहर का गौरव पाया है।
अब हम सभी को इस बार फिर अपने स्वच्छ स्वाभाव, आदत, व्यवहार से स्वच्छता का पंच लगाना है। भारत सरकार की स्वच्छता टीम आने वाली है और सर्वेक्षण करेगी। यह सभी के व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास से ही सम्भव है। इस में आप युवाओं को कर दिखाना है। मैं पिछले तीन दशकों से सदैव कपड़े का बैग, कपड़े का मास्क, कागज़ के स्थान पर कपड़े का रुमाल और प्लास्टिक के स्थान पर स्टील की बॉटल और ग्लास अपने साथ रखती हूं और इतनी छोटी सी आदत से बहुत सारा कचरा करने से बचती हूं और कचरा होने से बचाती हूं। करामुक्त व प्लास्टिक मुक्त जीवन शेली से सभी 17 ससटेनबल डेवलपमेंट गोल्स प्राप्त किये जा सकते है।
इंदौर स्वच्छ भारत के लिए एक आदर्श मॉडल है और बना के रखना हमारे हाथ में है। सफ़ाई को नगर निगम को कोई भी जानकारी या शिकायत करनी है 311 एप्प से करे।
जनक पलटा मगिलिगन ने उक्त विचार अपने उदगार में व्यक्त किए। अवसर था सिका महाविद्यालय द्वारा आयोजित "स्वच्छता का पंच, सिका के संग" समारोह का जिसमें मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ विजयलक्ष्मी आयंगर ने जनक दीदी के इस सुप्रयास में सिका के सकारात्मक सहयोग का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर सिका एज्युकेशनल ट्रस्ट की चेयरपर्सन पद्मिनी खजांची, केपी राजन, कार्तिक शास्त्री, एडवाइज़र पी बाबूजी, एवं डायरेक्टर डॉ उषा कृष्णन उपस्थित थे। स्वागत उदबोधन प्राचार्या डॉ उन्मेखा तारे ने दिया। कार्यक्रम का संचालन ईशा जोशी एवं प्रिया कुमावत ने एवं आभार प्रदर्शन डॉ ज़ैनब मलिक ने किया। जानकारी प्राचार्या सिका कॉलेज डॉ उन्मेखा तारे ने दी।