भोपाल। दीपावली पर पटाखों चलाने को लेकर सुप्रीमकोर्ट से लेकर NGT तक के आदेश के बाद लोगों में एक पटाखे चलाने को लेकर भ्रम की स्थिति है। सोशल मीडिया से लेकर सूचना के अन्य माध्यमों पर पटाखें चलाने को लेकर अलग-अलग मैसेज वायरल हो रहे है। ऐसे में दीपों के पर्व पर लोग यह जानना चाह रहे है कि वह बाजार से किस तरह के पटाखे खरीद सकते है और उनको चला सकते है। वेबदुनिया पर पढ़िए प्रदेश के बड़े शहरों में पटाखों को लेकर जारी गाइडलाइन।
22 शहरों में ग्रीन पटाखों की अनुमति- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, कटनी, हरदा, धार, रतलाम, रायसेन, नीमच, उज्जैन, सागर, जबलपुर, होशंगाबाद, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दमोह, अनूपपुर, देवास, बुरहानपुर, बड़वानी और अलीराजपुर शामिल है। इन जिलों में हवा की क्वालिटी खराब है।
29 जिलों पटाखों पर छूट- प्रदेश के 29 जिले ऐसे है जहां हवा की गुणवत्ता (AQI) संतोषजनक श्रेणी है वहां पर पटाखे चलाने पर छूट रहेगी। प्रदेश के विदिशा, खरगोन, सीहोर, छतरपुर, खंडवा, शिवपुरी, रीवा, सीधी, राजगढ़, बैतूल, सतना, पन्ना, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, शाजापुर, बालाघाट, निवाड़ी, गुना, झाबुआ, नरसिंहपुर, दतिया, मंडला, सिवनी, अशोकनगर, शहडोल, डिंडौरी, उमरिया, मंदसौर और आगर हैं।
भोपाल में पटाखों पर गाइडलाइन- भोपाल में दीपावली को लेकर जिला कलेक्टर ने गाइडलान जारी की है। राजधानी में दीपावली पर रात आठ बजे से रात 10 बजे तक ग्रीन और कम आवाज वाले पटाखे चला सकेंगे। पटाखों को चलाने के लिए इसके अलावा समय के लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी। कलेक्टर की ओर से जारी आदेश अनुसार केवल ग्रीन पटाखे एवं कम प्रदूषण वाले पटाखों की बिक्री और उनको चलाने की अनुमति होगी।
इन पटाखों पर रहेगा बैन- दीपावली पर पटाखों की लड़ी सहित अन्य प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री और चलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। जिन पटाखों की तीव्रता विस्फोट स्थल से 4 मीटर की दूरी पर 125 डेसीमल से अधिक होगी, उन्हें चलाने पर प्रतिबंध है। इसी तरह जिन पटाखों के निर्माण में बेरियम साल्ट,एंटीमनी, लिथियम, मर्करी, आर्सेनिक, लेड और स्ट्राशियम और क्रोमेट सहित अन्य हानिकारक विस्फोटक व रसायनों का उपयोग होता है उनके चलाने पर रोक है।
इन पर आदेश के लागू कराने की जिम्मेदारी-सभी थाना प्रभारी, सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, नगर पुलिस अधीक्षक,उपायुक्त नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी, पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन के अधिकारियों का संयुक्त दल अपने-अपने क्षेत्र के आतिशबाजी दुकानों, निर्माण स्थलो, भण्डारण स्थलों इत्यादि का निरीक्षण कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करेंगे।