भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के खिलाफ लाया गया विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। इसके साथ ही विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई। अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने ढाई घंटे तक जवाब दिया। कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सत्ता में रहते हुए कांग्रेस सरकार ने पांच महापाप किए। प्रदेश में कमलनाथ सरकार के समय घोटलों और भाजपा विधायकों और कार्यकर्ताओं को जानबूझकर परेशान करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में गुंडो, माफियाओं के खिलाफ लगातार एक्शन जारी है और आगे भी जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ सरकार के समय वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। पंद्रह मीहने की सरकार में आईएएस और आईपीएस अफसरों का पैसे लेकर ट्रांसफर किए गए। सदन में मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष के विधायकों टोकाटाकी के साथ जमकर हंगामा किया। जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी के लिए उनकी सरकार के समय शुरु की गई योजनाओ को बंद करने का आरोप लगाया तो विपक्ष ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री के पास योजनाओं को बंद करने का कोई प्रमाण है तो वह इसे सदन के पटल पर रखे।
सदन में मुख्यमंत्री जब आदिवासियों को लेकर लाए गए पेसा कानून पर बोले रह थे तब विपक्ष के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन ने कहा कि सरकार आदिवासी के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह संकल्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण हो रहा है। मुख्यमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में लगाए गए आरोप तत्थहीन है, इसलिए वह आरोप पत्र को खारिज करते है।
इसके बाद सदन में शिवराज सरकार में ध्वनिमत से विश्वास व्यक्त किया और अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज हुआ। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने आंसदी से विधानसभा के अनिश्चिकाल के लिए स्थगित करने की सूचना पढ़ी।